रांची. द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (सीआइआरसी) ने आइसीएआइ भवन में सेमिनार का आयोजन किया. विषय था नये युग में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशेवर अवसर और जीएसटी लिटिगेशन. सीआइआरसी, कानपुर के अध्यक्ष सीए अंकुर कुमार गुप्ता ने कहा कि तकनीकी प्रगति, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और वैश्विक व्यापार के बढ़ते आयामों ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी पेशे को एक नयी दिशा दी है. अब सीए केवल अकाउंटिंग और ऑडिटिंग तक सीमित नहीं रह गये हैं, बल्कि डाटा एनालिटिक्स, फॉरेंसिक ऑडिट, इंटरनेशनल टैक्सेशन, इएसजी रिपोर्टिंग और फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं हैं. युवा सीए को पारंपरिक भूमिकाओं से आगे बढ़ते हुए रणनीतिक सलाहकार और व्यवसायिक निर्णयों के पथ प्रदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए. हमें तकनीकी दक्षता, वैश्विक सोच और नैतिक मूल्यों के साथ इस नयी दुनिया के लिए खुद को तैयार करना होगा.
कानून की गहराई को समझें
सीआइआसी के सचिव सीए जयेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि जीएसटी को लागू हुए कई साल बीत चुके हैं, लेकिन इसके विभिन्न पहलुओं, विशेषकर लिटिगेशन से जुड़े मामलों में निरंतर जटिलताएं सामने आ रही हैं. करदाताओं और पेशेवरों के लिए आवश्यक है कि वे कानून की गहराई को समझें. न्यायिक प्रवृत्तियों पर नजर रखें. साथ ही उचित अनुपालन के साथ विवादों से बचने की रणनीति अपनायें. स्वागत रांची शाखा के अध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया, संचालन रांची शाखा के सीपीइ कमेटी के अध्यक्ष सीए हरेंद्र भारती और धन्यवाद ज्ञापन रांची शाखा के सचिव सीए भुवनेश ठाकुर ने किया. आयोजन में रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए अनीश जैन, कोषाध्यक्ष सीए विवेक खोवाल और कार्यकारिणी सदस्य सीए दिलीप कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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