: राज्य सरकार व रांची नगर निगम को जाम से लोगों को मुक्ति दिलाने का निर्देश मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नवनिर्मित रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे ऑटो-सिटी बसों के अवैध ठहराव से हो रही परेशानी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. पक्ष सुनने के बाद कहा कि रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे टेंपो-छोटी बसों के लगे रहने से होनेवाली सड़क जाम से निबटा जाये. किसी भी परिस्थिति में सड़क पर जाम नहीं लगना चाहिए. राज्य सरकार व रांची नगर निगम को सड़क जाम से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने मामले में सरकार व रांची नगर निगम को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 13 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता वंदना सिंह ने पैरवी की. उनकी ओर से बताया गया कि रातू रोड में सड़क जाम को लेकर ट्रैफिक डीएसपी व रांची नगर निगम की बैठक हुई थी. नागा बाबा खटाल के पास अवस्थित वेजिटेबल मार्केट के बेसमेंट तथा जाकिर हुसैन पार्क के पुराने स्टैंड को पार्किंग स्थल के रूप में बनाने का सुझाव आया था. बाद में ट्रैफिक डीएसपी ने इन स्थलों का भौतिक सत्यापन किया तथा पाया कि दोनों जगहों पर पार्किंग स्थल बनाने में कई समस्याएं हैं. वेजिटेबल मार्केट के बेसमेंट में दीवारों से पानी रिसता है, लाइट की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. वहीं जाकिर हुसैन पार्क स्थल पर जमीन समतल नहीं है तथा लाइट की समुचित व्यवस्था नहीं है. वहां कुछ गड्ढा में पानी का जमाव भी है. ट्रैफिक डीएसपी ने उक्त स्थलों को दुरुस्त करने का निर्देश रांची नगर निगम को दिया है. उल्लेखनीय है कि रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर व रातू रोड में ऑटो के बेतरतीब परिचालन व सड़क पर खड़ा करने से यातायात बाधित रहने को लेकर प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित हुआ था. इस पर झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. ऑटो व छोटी यात्री बस वालों ने रातू रोड को ही स्टैंड बना दिया है.
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