रांची. हुटुप गोशाला धाम में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा महायज्ञ के दूसरे दिन कथा वाचक संगीता किशोरी जी ने श्रद्धालुओं को श्री शिव-पार्वती विवाह की अद्भुत और मार्मिक कथा सुनायी. उन्होंने बताया कि शिव-पार्वती का विवाह केवल एक सांसारिक मिलन नहीं था, बल्कि यह आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक है, जो भक्तों को सच्चे प्रेम, समर्पण और भक्ति का मार्ग दिखाता है. कथा में उन्होंने विस्तार से वर्णन किया कि कैसे भगवान शिव, जो संन्यासियों के प्रतीक माने जाते हैं, ने माता पार्वती से विवाह करके सांसरिकता का पालन किया. जबकि पार्वती जी ने अपनी कठिन तपस्या और भक्ति से भगवान शिव को प्रसन्न किया.
प्रेम और विश्वास से हर बाधा होगी पार
उन्होंने कहा कि कथा से हमें यह संदेश मिलता है कि सच्चे प्रेम और विश्वास से कोई भी बाधा पार की जा सकती है. अगर मनुष्य अपने जीवन में ईश्वर के प्रति सच्चा प्रेम और श्रद्धा से जुड़ा रहे, तो उसे जीवन के कठिन रास्तों पर भी सुख और शांति प्राप्त होगी. मौके पर कार्यक्रम संयोजक बासुदेव भाला, मुकेश काबरा, बनवारी भाला, अशोक सोढ़ानी, किशन साबू, नरेंद्र लखोटिया, उदय शर्मा, कपिल भाला और संजय सर्राफ सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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