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Ranchi News : आज हरितालिका तीज, महिलाएं 24 घंटे का करेंगी निर्जला उपवास

हरितालिका तीज का पर्व आज है. राजधानी रांची के बाजार पारंपरिक रंगों में सराबोर हो गया है.

शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती और भगवान शिव का एक साथ पूजन अत्यंत फलदायी

अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि जो विवाहित महिलाएं शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य, पति का लंबा जीवन और दांपत्य सुख प्राप्त होता है.

शिव पुराण में वर्णन है : यत्र पार्वतीश्च शिवश्च पूज्येते, तत्र सुखं नित्यं वसति.

मतलब : जहां शिव और पार्वती की पूजा होती है, वहां सुख-शांति सदैव बनी रहती है.

मनोकामना होती है पूर्ण : अविवाहित कन्याएं यदि शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करती हैं, तो उन्हें योग्य और मनपसंद वर की प्राप्ति होती है. विवाहित महिलाओं की पारिवारिक इच्छाएं पूर्ण होती हैं.

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हरितालिका तीज की रौनक, बाजारों में उमड़ी भीड़, महिलाओं ने की जमकर खरीदारी

रांची. हरितालिका तीज का पर्व आज है. राजधानी रांची के बाजार पारंपरिक रंगों में सराबोर हो गया है. सोमवार की सुबह से शाम शहर के गली-कूचों से लेकर बड़े बाजारों तक महिलाओं की चहल-पहल देखते ही बन रही थी. तीज की तैयारी को लेकर बाजारों में जबरदस्त रौनक रही. सुहागिन महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए मंगलवार को रखे जाने वाले निर्जला व्रत से पूर्व जमकर खरीदारी की. तीज पर्व पर महिलाएं सोलह शृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगी और अखंड सौभाग्य के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी. उदयातिथि में तृतीया तिथि मिलने से व्रत मंगलवार को पूरे दिन मान्य रहेगा. सोमवार को महिलाओं ने मेहंदी, शृंगार सामग्री, पूजा सामग्री व मिठाइयों की व्यापक खरीदारी की. घरों में पारंपरिक व्यंजन गुजिया, ठेकुआ आदि बनाने का दौर भी चला. मेहंदी की खुशबू, शृंगार का आकर्षण, मिठाइयों का स्वाद और धार्मिक आस्था ने राजधानी रांची के माहौल को पूरी तरह तीजमय बना दिया है. आज जब महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करेंगी, तब यह नजारा और भी भव्य होगा.

सोलह शृंगार के संग तीज की तैयारी

हरितालिका तीज का महत्व सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है. सोलह शृंगार कर व्रत रखने की परंपरा इस पर्व को और आकर्षक बना देती है. यही कारण है कि सोमवार को बाजारों में महिलाओं की भीड़ उमड़ी रही. कहीं चूड़ी की खनक थी तो कहीं मेहंदी की डिजाइनों की सजावट. कॉस्मेटिक की दुकानों से लेकर साड़ियों के शोरूम तक महिलाओं की रौनक पूरे दिन छाई रही. व्रत का पूजन सूर्यास्त से पूर्व करना उत्तम माना गया है. इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित है. व्रत के दिन चांदी, पीतल या मिट्टी से निर्मित शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित कर सबसे पहले गणेश पूजन किया जाये. पूजा के बाद हरितालिका व्रत कथा का श्रवण और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.

पूजा सामग्री और शृंगार की बिक्री में उछाल

पूजन सामग्री की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ देखी गयी. मां शक्ति पूजा भंडार के संचालक अमित कुमार ने बताया कि दान सामग्री की सबसे अधिक बिक्री हुई. बांस की टोकरी 20 से 60 रुपये, शृंगार सामग्री 10 से 100 रुपये, ब्लाउज पीस 15 से 50 रुपये और टोकरी सेट 70 से 150 रुपये में बिके. कई महिलाओं ने तैयार दान सामग्री सेट खरीदे, जबकि कुछ ने अलग-अलग सामग्री लेकर उसे स्वयं सजाया.

मैचिंग चूड़ियों का क्रेज

कपड़ों के साथ मैचिंग चूड़ियों की भारी मांग रही. कॉस्मेटिक दुकानों से लेकर चूड़ी बाजार तक ग्राहकों की भीड़ लगी रही. अपर बाजार के दुकानदार रंजन के अनुसार, प्लेन और मेटल चूड़ियों का सेट, जिसमें आठ चूड़ियां और एक बाला शामिल है, सबसे ज्यादा पसंद किया गया. पहली बार तीज करने वाली महिलाओं ने खासतौर पर लहठी खरीदी, जिसकी कीमत 500 रुपये से शुरू है.

मेहंदी और ब्यूटी पार्लरों में भीड़

सोमवार सुबह से ही पार्लरों में महिलाओं की भीड़ रही. फेसियल, हेयर स्टाइल और आइब्रो के लिए कई महिलाओं ने एडवांस बुकिंग करायी थी. मॉल्स और बाजारों में मेहंदी लगाने का ट्रेंड भी दिखा. डिजाइनर मेहंदी के लिए महिलाओं ने लंबा इंतजार किया. साधारण मेहंदी 200 रुपये में, जबकि डिजाइनर मेहंदी 1100 से 2500 रुपये तक लगायी गयी.

गुजिया और अनरसा की जोरदार बिक्री

तीज के अवसर पर गुजिया, अनरसा और अन्य पकवानों की मांग बढ़ी. बाजार में सूजी की गुजिया 200 रुपये किलो, खोवा का 450 रुपये किलो और ड्राइ फ्रूट्स वाले शुद्ध घी के गुजिया 700 से 800 रुपये किलो में बिके. अनरसा 200 रुपये किलो (साधारण) और 400-500 रुपये किलो (खोवा मिश्रित) में उपलब्ध है. मिठाई दुकानों ने विशेष पैकिंग में घी के गुजिया तैयार किये गये हैं.

सुहागिन महिलाओं ने कहा

पूरी निष्ठा से परंपरा निभाऊंगी

दूसरी बार हरितालिका तीज की तैयारी कई दिनों से चल रही है. इसे लेकर खुशी और उत्साह है. इतनी बड़ी पूजा है, उत्साह भी ज्यादा है. इस दिन का इंतजार हर सुहागिन महिलाएं करती हैं. इस बार तीज सास के साथ करूंगी. इसके लिए हजारीबाग ससुराल जा रही हूं. रांची से तैयारी करके मेहंदी लगाकर जाऊंगी. सास के साथ परंपरा को पूरी निष्ठा के साथ करना है.

पूर्णिमा महतो, करमटोली

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समूह में पूजा और कथा सुनना आनंददायक

तीज की खुश हर महिलाओं को रहती है. तीज की परंपरा, पूजन विधि व सोलह शृंगार हर सुहागिन महिलाओं का सौभाग्य होता है. मेरा 21वां तीज व्रत है. समूह में एक जगह कई महिलाएं एकत्रित होकर पूजा करके कथा सुनती हैं. बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं. सोमवार को मेहंदी लगाने से लेकर पूजा के लिए फल, पूजन सामग्री की खरीदारी कर लिये हैं.

पीयूष सिन्हा, रातू रोड————————————-

ससुराल में सबके साथ करेंगे तीज

मेरी पहली हरितालिका तीज है. इस दिन का इंतजार था. मायके से पहली तीज में साड़ी, फल, मिठाइयां समेत अन्य सामग्री पहले ही आ गयी है. ससुराल में सबके साथ मिल कर तीज व्रत की शुरुआत करेंगे. शाम को अपर बाजार जाकर मेहंदी लगाये और छोटी-छोटी चीजों की खरीदारी की. पूजा को लेकर तैयारी पूरी हो गयी है.

नीलू कुमारी, रांची

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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