चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने की सुनवाई : सरकार ने माैखिक बताया : वकीलों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए हो रहा है बजटीय प्रावधान रांची . झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य बीमा, पेंशन राशि में बढ़ोतरी, स्टाइपेंड सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के आग्रह को देखते हुए दो सप्ताह का समय प्रदान किया. राज्य सरकार को अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए उठाये गये कदमों से संबंधित शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 21 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से माैखिक रूप से बताया गया कि अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जा रहा है. शपथ पत्र दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय देने का आग्रह किया गया. मामले में बीसीआइ की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विदेश कुमार दान ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में बताया गया है कि राज्य सरकार ने ट्रस्टी वेलफेयर कमेटी के सदस्य 15 हजार अधिवक्ताओं के लिए ही स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का निर्णय लिया है, जबकि झारखंड में लगभग 33 हजार अधिवक्ता निबंधित हैं. कल्याणकारी व सामाजिक सुरक्षा योजना से सभी अधिवक्ताओं को जोड़ा जाना चाहिए. इसके लिये बजट में सरकार राशि का प्रावधान करे.
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