: पांच दिसंबर 2019 को नामकुम के गरुड़पीढ़ी हेसो जंगल में की गयी थी छापेमारी : पुलिस की टीम को देखते हुए जंगल का लाभ उठाते हुए भाग निकले थे नक्सली वरीय संवाददाता, रांची अपर न्याययुक्त अरविंद कुमार की अदालत ने नक्सली कमांडर बोयदा पाहन, बिरजा मुंडा उर्फ नैन, गोंडा पाहन और विधायक मुंडा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मामला विधानसभा चुनाव के दौरान ग्रामीणों को चुनाव बहिष्कार करने के लिए धमकाने, पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से केन बम और जिलेटिन-डेटोनेटर बिछाने का है. मामला वर्ष 2019 का है, जिसमें नक्सली कमांडर बोयदा पाहन, बिरजा मुंडा उर्फ नैन, गोंडा पाहन और विधायक मुंडा पर नामकुम थाना क्षेत्र के गरुड़पीढ़ी हेसो जंगल में विस्फोटक सामग्री बिछाने और चुनाव बहिष्कार का पर्चा फेंकने का आरोप लगा था. गुप्त सूचना पर हुई थी कार्रवाई : तत्कालीन रांची एसएसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि विधानसभा चुनाव के बहिष्कार को लेकर माओवादी संगठन द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है. इसी सूचना के आधार पर पांच दिसंबर 2019 को डीएसपी के नेतृत्व में झारखंड जगुआर और जिला बल की संयुक्त टीम ने गरुड़पीढ़ी हेसो जंगल में छापेमारी अभियान चलाया. पुलिस टीम को देखते ही माओवादी फरार हो गये थे. सर्च ऑपरेशन के दौरान एक कट्टा, गोली, जिलेटिन-डेटोनेटर, तार, रस्सी, चुनाव बहिष्कार के पर्चे और दैनिक उपयोग के कई सामान बरामद किये गये थे. साथ ही तीन केन बम भी मिले थे, जिन्हें पुलिस बल को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से रखा गया था.
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