मनोज सिंह, रांची.
झारखंड के किसानों को दो साल बाद कृषि उपकरण मिल पायेंगे. इसका रास्ता साफ हो गया है. पिछले दो साल से टेंडर फाइनल नहीं हो पाने के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया था. अक्तूबर 2024 में राज्य सरकार ने झारखंड प्रोक्योरमेंट ऑफ गुड्स एंड सर्विस मैनुअल तैयार किया था. इस कारण किसानों को उपकरण देने का मामला फंसा हुआ था. वित्त विभाग के अनुमोदन के बाद अब किसानों के बीच 200 करोड़ रुपये के कृषि उपकरण बंट सकेंगे. किसानों को ट्रैक्टर 80 फीसदी अनुदान पर मिलेगा. सिर्फ 20 प्रतिशत राशि देनी होगी. किसान इसके अतिरिक्त अन्य सहायक यंत्र भी ले सकते हैं. इसमें पावर टिलर, राइस ट्रांसप्लांटर, कृषि प्रसंस्करण यंत्र आदि शामिल हैं. जिन एजेंसियों को कृषि उपकरण आपूर्ति के लिए सूचीबद्ध किया गया है, वह 31 मार्च 2027 तक प्रभावी रहेगा. इसमें कुल 36 आपूर्तिकर्ताओं को सूचीबद्ध किया गया है. किसानों को बड़ा ट्रैक्टर 50 फीसदी तथा छोटा ट्रैक्टर 80 फीसदी अनुदान पर दिया जायेगा. 90 फीसदी अनुदान पर पंप सेट दिया जायेगा.पीएल खाते में जमा राशि से होगा भुगतान
इस योजना के लिए राशि जेएएमटीटीसी पीएल खाते में जमा है. इसका भुगतान एजेंसियों को यहीं से किया जायेगा. संबंधित जिलों के भूमि संरक्षण पदाधिकारी, सहायक निदेशक सर्वे, संबंधित ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों के निर्माता या अधिकृत विक्रेता द्वारा अनुदान भुगतान एवं आपूर्ति के बाद लाभुकों की सूची विवरण के साथ भूमि संरक्षण निदेशालय या कार्यपालक निदेशक जेएएमटीटीसी को उपलब्ध करायी जायेगी.
वित्तीय वर्ष 2024-25 की योजना का मिलेगा लाभ
भूमि संरक्षण विभाग ने तय किया है कि अभी वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत तय स्कीम के उपकरण ही बांटे जायेंगे. वित्तीय वर्ष 2023-24 की राशि को रिवैलिडेट कराने के बाद ही उस राशि का उपयोग किया जा सकेगा. इसके लिए विभाग को वित्त विभाग की सहमति की जरूरत होगी. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की राशि बाद में खर्च की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है