East Tech 2025: राजधानी रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में चले रहे तीन दिवसीय इस्ट टेक सिम्पोजियम-2025 (डिफेंस एक्सपो) का आज रविवार को समापन है. आज दोपहर 2 बजे से सेना की ओर से लगायी गयी प्रदर्शनी में हथियारों और मोडिफाइड व्हीकल को लोग करीब से देख सकेंगे. इस प्रदर्शनी की खासियत इसलिए भी अहम है कि इसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की स्वदेशी मिसाइल आकाश को लोग करीब से देख सकेंगे. मालूम हो आकाश मिसाइल ने पाक के ड्रोन और मिसाइलों को हवा में उड़ा दुश्मनों के नापाक इरादे को ध्वस्त कर दिया था.
प्रदर्शनी में ये भी खास
डिफेंस एक्सपो में आपको स्वदेशी मिसाइल आकाश के अलावा एल-70 आर्मी एयर डिफेंस सिस्टम, मिनी आरपीएएस एस्टेरिया एटी-15 ड्रोन, गरुड़ा एयरोस्पेस के पेलॉड ड्रोपिंग ड्रोन, नेग्यू एलएमजी और महिंद्रा का बुलेट प्रूफ मोडिफाइड व्हीकल मार्क्स मैन भी देखने को मिलेंगे. इन सभी को आप प्रदर्शनी में करीब से देख सकते हैं. यहां जानिए सभी की खासियत.
गरुड़ा एयरोस्पेस के पेलॉड ड्रोपिंग ड्रोन
चेन्नई बेस्ड स्टार्टअप गरुड़ा एयरोस्पेस का चेन्नई में अपना अत्याधुनिक ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है. लगभग 20 एकड़ में फैली हुई है. इसके फाउंडर अग्निश्वर जयप्रकाश हैं. डिफेंस एक्सपो में आए बिजनेस डेवलपमेंट एग्जिक्यूटिव रइज अख्तर ने बताया कि गरुड़ा एयरोस्पेस की ओर से 30 से 40 प्रकार के ड्रोन बनाए जा रहे हैं. इसमें पांच से दस प्रकार के ड्रोन डिफेंस के लिए तैयार किये जा रहे हैं. यहां के पेलॉड ड्रोपिंग ड्रोन का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में भी किया गया था.
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मार्क्स मैन मोडिफाइड व्हीकल
लैंडमाइन प्रभावित इलाकों में जाने के लिए सेना ने महिंद्रा की बुलेट प्रूफ मोडिफाइड व्हीकल का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया था. इसमें एक साथ छह से आठ जवान ऑपरेशन में जा सकते हैं. अंदर से भी फायरिंग किये जाने की सुविधा है. ऊपरी हिस्से में लगे सिस्टम के जरिये लाइन मशीन गन जैसे हथियार से 360 डिग्री फायरिंग की जा सकती है. वीआइपी मूवमेंट के लिए भी इस वाहन का इस्तेमाल किया जाता है.
आकाश मिसाइल
ऑपरेशन सिंदूर में पाक सैनिकों और आतंकवादियों को धूल चटा दिया था. मारक क्षमता 27 किमी है. वजन 710 किग्रा है. जबकि इसके लेंथ 5.82 मीटर है. ट्रक में लगे लांचर के सहारे एक साथ तीन आकाश मिसाइल एक बार में लोड किया जाता है. रडार से दुश्मन की पहचान कर आकाश मिसाइल ने ऑपरेशन सिंदूर में पाक का फाइटर और जेट एयरक्राफ्ट मार गिराया था. करीब 20 आकाश मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था.
मिनी आरपीएएस एस्टेरिया एटी-15 ड्रोन
आठ किलोग्राम वजन वाला यह ड्रोन खास है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मनों की सटीक जानकारी लेने के लिए सेना ने इसका इस्तेमाल किया था. इसे समुद्र तल से 4500 मीटर और जमीन से छह हजार मीटर तक की ऊंचाई तक उड़ सकता है. वहीं यह 32 हजार फीट की दूरी तय कर सकता है. इसके जरिये दुश्मनों की रेकी, सर्विलांस, डाटा और टारगेट को भी सेव कर मिशाइल से दुश्मनों में अटैक में इस्तेमाल किया गया. इस ड्रोन के अलावा डब्ल्यूबी और नागास्त्रा ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया था.
नेग्यू एलएमजी
इस हथियार का इस्तेमाल भी ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने किया था. 800 मीटर तक मारक क्षमता वाला यह हथियार में 120 राउंड कारतूस लोड करने वाला बॉक्स लगा है. जरूरत पड़ने पर 240 गोलियों का चेन लगा दुश्मनों पर फायरिंग में भी इस हथियार का इस्तेमाल होता है.
एल-70 आर्मी एयर डिफेंस सिस्टम
यह मारक क्षमता वाले हथियार को रिमोटली कंट्रोल कर 360 डिग्री फायर करने में इसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था. इसमें 300 मीटर ऊंचा और 20 किमी दूर तक सर्च रडार लगा हुआ है. साथ ही 300 मीटर ऊंचा और 13.5 किमी. दूरी तक इसमें ट्रैक रडार भी लगा हुआ है. यह चार किमीं ऊंचाई तक टारगेट को नष्ट कर सकता है.
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