रांची. बारिश के बावजूद गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में पारंपरिक तरीके से रावण दहन हुआ. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रावण, विधायक सीपी सिंह ने मेघनाथ और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कुंभकर्ण का दहन किया. रावण और मेघनाथ के पुतले धूं-धूं कर जल उठे, जबकि कुंभकर्ण का सिर नहीं जल पाया. पुतला देर तक खड़ा रहा, फिर खुद गिर गया. मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को दशहरा की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और समाज को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करता है. खराब मौसम भी हमारी संस्कृति और उत्साह को नहीं रोक सका. दशहरा केवल पर्व नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की जीवंत अभिव्यक्ति है. इस दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री संजय सेठ, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और विधायक सीपी सिंह ने भी राज्यवासियों को शुभकामनाएं दीं. भारी बारिश के बावजूद लोगों में उत्साह देखते ही बना.
जमकर हुई आतिशबाजी
रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण आतिशबाजी रही. इसे देखने के लिए बारिश में भी बड़ी संख्या में लोग डटे रहे. शाम करीब छह बजे से आतिशबाजी शुरू हुई, जिससे पूरा आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठा. हर तरफ पटाखों की आवाजें और जय श्रीराम-जय बजरंगबली के नारे गूंज रहे थे. पांच ड्रोन की मदद से पूरे आयोजन स्थल की निगरानी की जा रही थी.सिर पर कुर्सी रख कर लिया रावण दहन का आनंद
शाम 6:19 बजे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रावण दहन किया. तेज बारिश के बावजूद लोग आयोजन स्थल पर जमे रहे. जिनके पास छाते थे, उन्होंने छाता लगाया,और जिनके पास नहीं थे, उन्होंने सिर पर कुर्सी रखकर बारिश से बचने की कोशिश की. भीगते हुए भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ. कार्यक्रम में विधायक नवीन जायसवाल, विनोद पांडे, जेएससीए अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, पंजाबी-हिंदू बिरादरी दशहरा कमेटी मोरहाबादी के अध्यक्ष सुधीर उग्गल, चेयरमैन कुणाल अजमानी, पूर्व अध्यक्ष राजेश खन्ना, दुर्गा पूजा एवं रावण दहन समिति अरगोड़ा के अध्यक्ष पंकज कुमार साहू, नरेंद्र प्रसाद साहू, पंचानंद कुमार, कंचन साहू व रवि साहू मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

