खलारी. खलारी की बुकबुका पंचायत अंतर्गत नया धौड़ा की 300 की बस्ती में रहनेवाले 1500 लोगों की आबादी व्यापक जल संकट से जूझ रही है. बस्ती में मात्र एक कंक्रीट जलमीनार है. ऐसे में गर्मी हो या बरसात या ठंड का मौसम हो, वहां के लोगों को प्रतिदिन पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है. लोगों को दो-चार बाल्टी पानी के लिए सारा दिन निकल जाता है. बस्ती के नजदीक कोयला खदान होने के कारण आसपास के जल स्रोत सूख गये हैं. दिन भर मशक्कत के बाद थोड़ा पानी मिल पाता है, जिससे जिंदगी कट रही है. स्थिति यह है कि तीन सौ घर में मात्र एक जलमीनार है, जहां पर यह बड़ी आबादी इस जलमीनार पर निर्भर है .एक बाल्टी पानी के लिए महिलाओं को घंटों लाइन में लगा रहना पड़ता है. महिलाएं कहती हैं कि इसमें इतना समय लग जाता है कि काम पर जाने में देर हो जाती है. पानी लेने आयी महिला कहती हैं कि पानी के बिना काम नहीं चल सकता और पेट के लिए काम भी करना है. इस वजह से काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी स्तर पर जो चापाकल लगे हैं, उनमें ज्यादातर खराब हैं. जलस्तर नीचे जाने से भी चापानलों में पानी नहीं आ रहा है. सुबह उठते ही उनके दिलों दिमाग में सिर्फ पानी ही पानी चल रहा है.
ग्रामीणों ने एक और जलमीनार की मांग की
नया धौड़ा के ग्रामीण नसीम अंसारी, सफीक अंसारी, सुरेंद्र राम, गंगा बैठा, रकीब अंसारी, प्रीति शर्मा, गुलशन आरा, साधना, सूचिता एक्का, भूटन देवी, रेखा देवी, संदीप लोहरा, सजाद अंसारी, नसीम अख़्तर, कुरेसा खातून सहित कई लोगों ने बताया कि बड़ी आबादी वाला नया बस्ती में मात्र एक जलमीनार है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों की सामना करना पड़ता है. सुबह से शाम तक पानी के लिए के लंबी लाइन लगानी पड़ती है. कहा कि यहां एक और जलमीनार सरकार द्वारा निर्माण करवा दिया जाता तो लोगों को काफी राहत मिल जाती.एक बड़ी आबादी जलमीनार के भरोसे, पानी के लिए लगानी पड़ती है लाइन
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