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बीएयू मंदिर में हिंदू नववर्ष पर भव्य आयोजन, रांची की उभरती गायिका और उनकी टीम ने बांधा समा

हिंदू नववर्ष को लेकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय मंदिर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में रांची की उभरती गायिका श्रुति देशमुख और उनकी टीम ने अपने भजन से समा बांध दिया. कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश प्रचार प्रमुख राजीव कमल बिट्टू ने भी संबोधित किया.

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय स्थित प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर में बुधवार को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारतीय नव वर्ष के स्वागत में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. श्रद्धालुओं ने दीपदान कर सूर्य भगवान का अभिषेक और नववर्ष का स्वागत किया.

मनमोहक रहा कार्यक्रम

रांची की उभरती गायिका श्रुति देशमुख उनकी टीम ने इस अवसर पर भगवान गणेश, राम, कृष्ण, शिव, नारायण और माता दुर्गा को समर्पित डेढ़ घंटे भजन की प्रस्तुति दी. भजन मंडली में उदय देशमुख, प्रीति देशमुख, कविता ओझा और उत्तम देशमुख शामिल रहे. कार्यक्रम का समापन भारत माता की आरती के साथ हुआ.

‘सृष्टि की रचना का दिन है वर्ष प्रतिपदा’

इस अवसर पर अपने संबोधन में वरीय चार्टर्ड अकाउंटेंट और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख राजीव कमल बिट्टू ने कहा कि 365 दिनों के वर्ष में भारत में हर साल लगभग 2000 पर्व-त्यौहार मनाये जाते हैं, लेकिन वर्ष प्रतिपदा भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना का दिन है. उन्होंने कहा जब दुनिया में कोई संस्कृति, परंपरा, सुसंस्कृत जीवन पद्धति नहीं थी, लोग वनों में फल खाकर और छाल पहनकर रहते थे. तब भारत में वेदों की रचना हुई थी. उन्होंने कहा कि भारत भूमि पूरी दुनिया की संस्कृति का पालनाघर और इतिहास की माता है.

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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की, प्रभु श्री राम और धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था. शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है. नानक के बाद दूसरे सिख गुरु अंगद देव जी का जन्म इसी दिन हुआ था. महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की और कृणवंतो विश्वमआर्यम का संदेश दिया. कृणवंतो विश्वमआर्यम का अर्थ है- विश्व को आर्य यानी श्रेष्ठ बनाते चलो. सिंध प्रांत के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रकट हुए. संघ संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार और महर्षि गौतम का भी जन्म इसी दिन हुआ.

लोगों से अपील

कार्यक्रम का आयोजन पशुपतिनाथ टेंपल मैनेजमेंट सोसायटी एवं राष्ट्र सेविका समिति द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. उन्होंने नववर्ष के स्वागत में 22 मार्च को अपने छत, टेरेस, बालकनी में दिया जलाने, अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फहराने, घरों के द्वार, आम के पत्तों की वंदनवार से सजाने, घरों में विशेष पकवान बनाने और परिवार सहित मंदिर जाने की अपील की.

बीएयू के कुलपति रहे विशिष्ट अतिथि

विशिष्ट अतिथि के रूप में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह, ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन की झारखंड शाखा के अध्यक्ष सुरेश जैन बोथरा, राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ जिज्ञासा ओझा, संघ के साधु-संत संपर्क प्रमुख स्वामी दिव्य ज्ञान, बाल्मीकिनगर के संघचालक रमेश सिंह और पशुपतिनाथ टेंपल मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष डॉ रामदेव प्रसाद गुप्त, उपाध्यक्ष रवि अग्रवाल उपस्थित थे.

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16 संगीतकारों व कार्यकर्ताओं को मिला सम्मान

इस अवसर पर मंदिर के आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले 16 संगीतकारों व कार्यकर्ताओं को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया. सम्मान पाने वालों में श्रुति देशमुख, प्रीति देशमुख, कविता ओझा, करिश्मा गाड़ी, पूनम कुमारी, उत्तम देशमुख, उदय देशमुख, अमरजीत पासवान, रंजीत कुमार पासवान, चंद्रदीप कुमार, विशु कुमार, मिथलेश यादव, कन्हैया राम, दिलीप उरांव, हीरा मोहन महली और निखिल सिंह शामिल हैं.

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