रांची. सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास का 12 दिवसीय दक्षिण कोरिया और जापान का दौरा सफल रहा. दौरे के बाद दक्षिण कोरिया व जापान के चार विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पर सहमति बनी है. अपने दौरे के दौरान प्रो दास ने विश्वविद्यालयों के प्रमुखों से मिलकर एमओयू पर चर्चा की और कई बिंदुओं पर बात रखी. प्रो दास ने बताया कि सीयूजे एशिया के समृद्ध और साझा विरासत वाले देशों के विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू कर रहा है ताकि दोनों देश और करीब आयें और झारखंड जैसे विकास के राह पर अग्रसर राज्य के विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा दी जा सके. प्रो दास ने दोनों देशों में अपने विशेष व्याख्यान में भारत के बढ़ते आर्थिक कद से विदेशी छात्रों के लिए अपार संभावनाएं और भारतीय ज्ञान की समृद्ध परंपरा को साझा कर बेहतर मानव समाज बनाने पर बल दिया. वहीं, हांकुक विदेशी अध्ययन विश्वविद्यालय में सात विद्यार्थियों को हिंदी भाषण प्रतियोगिता में अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र दिया. इस दौरे के दौरान कुलपति ने तीन विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत के बढ़ते कद पर विशेष व्याख्यान भी दिया. अपने व्याख्यान में प्रो दास ने कहा कि भारत जिस प्रकार से आर्थिक एकेडमिक उन्नति कर रहा है, कोरियाई और जापानी छात्रों के लिए यह आवश्यक है कि वो भारत का और अध्ययन करें ताकि आने वाले दिनों में वो भारत, कोरिया और जापान के आर्थिक, सामाजिक, अकादमिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने में प्रभावी हों. सैमसंग के कर्मी सीयूजे में भारतीय संस्कृति व हिंदी सीखेंगे हांकुक यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज : हांकुक विवि में कोरियाई भाषा एवं हिंदी के अलावा अन्य विषयों खासकर मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस एवं सोशल साइंस में साझा एकेडमिक कार्यक्रम चलाने पर भी सहमति बनी. इस साल अगस्त में सैमसंग के 12 कर्मचारी सीयूजे आकर भारतीय इतिहास, संस्कृति और विरासत को समझेंगे और हिंदी भी सीखेंगे. वहीं, क्वाग्वोन विवि के साथ मिलकर सीयूजे का सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग एवं जनसंचार विभाग कुछ दिनों में साझा अकादमिक गतिविधियों की शुरुआत करेंगे. दोंगुक विवि के साथ भी जल्द ही एकेडमिक गतिविधि की शुरुआत पर सहमति बनी.
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