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दक्षता संवर्धन एवं व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम: CUJ वीसी प्रो क्षिति भूषण दास ने दिया महिला सशक्तीकरण का मंत्र

समाजसेवी डॉ नम्रता चड्डा ने विभिन्न सामाजिक संदर्भों में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए छात्राओं को अपने अधिकारों को जानने एवं सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों की बराबरी करने की होड़ न करके अपनी विविधता के अनुरूप कार्य करना चाहिए.

रांची : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय महिला आयोग के तत्वावधान में स्नातक एवं स्नातकोत्तर की छात्राओं के लिए एक दिवसीय दक्षता संवर्धन एवं व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने कहा कि देश की उन्नति के लिए दक्षता सबसे महत्वपूर्ण है और अगर दक्षता बढ़ गई तो महिला सशक्तीकरण स्वत: हो जाएगा. इसलिए आत्मनिर्भर भारत के लिए महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए और इस तरह के दक्षता संवर्धन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए. इसके लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड प्रतिबद्ध है.

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ नम्रता चड्डा ने विभिन्न सामाजिक संदर्भों में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए छात्राओं को अपने अधिकारों को जानने एवं सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया. श्रीमती चड्डा ने कहा कि ‘महिलाओं को पुरुषों की बराबरी करने की होड़ न करके अपनी विविधता के अनुरूप कार्य करना चाहिए’. कार्यक्रम और विस्तार सेल के नोडल अधिकारी एवं संकायाध्यक्ष प्रो तपन कुमार बसंतिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए उद्देश्यों की प्राप्ति की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया.

दक्षता कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञों डॉ देवव्रत सिंह, डॉ अदिति शर्मा, डॉ प्रज्ञा शुक्ला ने प्रतिभागियों को सहभागिता कराते हुए विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक, मानसिक और प्रशासनिक पक्षों पर गतिविधियां करायीं. प्रतिभागी छात्राओं ने कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभवों को साझा करते हुए अपनी जिज्ञासाओं को विषय विशेषज्ञों से चर्चा की. कार्यक्रम आयोजक सचिव डॉ मानवी यादव ने मुख्य अथिति का शॉल एवं पौधा देकर स्वागत किया तथा कार्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष डॉ शशि सिंह ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी आते हैं, जिससे सामाजिक विविधता देखने को मिलती है. इसलिए हमें व्यक्तित्व विकास संबंधित कार्यक्रम को अहम स्थान देना चाहिए.

कार्यक्रम का संचालन अनामिका सिंह एवं अंतरा मुखर्जी तथा विभाग के सह आचार्य डॉ विमल किशोर ने धन्यवाद ज्ञापन किया. पीआरओ नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस अवसर पर विभाग के संकाय सदस्य डॉ विजय कुमार यादव, डॉ एमके दास, एंजेल नाग, डॉ शिल्पी राज, डॉ एम रामकृष्णा रेड्डी, सुमंता हलदर तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव, ओएसडी, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं छात्राओं के साथ-साथ रांची के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की प्रतिभागी छात्राएं उपस्थित थी.

पिछले दिनों झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग में “इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स” प्रायोजित विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान का मुख्य विषय “भारत प्रशांत क्षेत्र का सामरिक महत्व” था. विषय वास्तु पर इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स द्वारा मनोनीत रिसर्च फेलो प्रज्ञा पांडे द्वारा विस्तृत चर्चा की गयी. इन्होंने भारत प्रशांत क्षेत्र के सन्दर्भ में अमेरिकी विदेश नीति के बदलते आयाम, चीन के लगातार बढ़ते आर्थिक व सामरिक विस्तार के मध्य भारत के समक्ष चुनौती एवं अवसर की चर्चा की. भारत प्रशांत क्षेत्र में भारत की विदेश नीति को सशक्त एवं समसामयिक बताया. व्याख्यान के बाद अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग की शिक्षिका डॉ अपर्णा ने व्याख्यान पर चर्चा की. विभागाध्यक्ष डॉ अलोक कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया और इस विषय से अवगत कराया.

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनसीसी प्रकोष्ठ ने वीके-ऐसीयम, भुवनेश्वर के सहयोग से 3 मई को झारखंड बटालियन, रांची के मार्गदर्शन में जी-20 प्रेसीडेंसी में योगदान पर जी-20 जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत एनसीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ रवींद्रनाथ सरमा के द्वारा की गयी. उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता के बारे में बताया. डॉ जेएन नायक, ओएसडी (एएंडए) सीयूजे ने वसुधैव कुटुम्बकम पर जोर दिया और ‘यूनिवर्सिटी कनेक्ट’ के पीछे के विचार के बारे में बताया. विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की पूर्णकालिक कार्यकर्ता सिराग ने इसकी नींव और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान को खूबसूरती से पेश किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लक्ष्मीनारायण पाणिग्रही, VK-AICYAM, भुवनेश्वर ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका और कैसे भारत अपनी 2023 की अध्यक्षता की भूमिका को अलग तरीके से करता है इसके बारे में बताया. प्रोफेसर के बी पांडा, रजिस्ट्रार, सीयूजे ने अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर चर्चा की. झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनसीसी अधिकारी डॉ विनीत कुमार अगोतिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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