रांची.
खान सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि झारखंड में क्रिटिकल मिनरल की भरमार है. जरूरत है इसे तेजी से खोजने की. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जब अमेरिकी कांसुलेट जनरल आये हुए थे, तब मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद उन्होंने खान सचिव से अलग से मुलाकात की. वे झारखंड में क्रिटिकल मिनरल की खोज में साझेदार बनना चाहते हैं. इससे समझा जा सकता है कि क्रिटिकल मिनरल आज दुनिया में कितना महत्वपूर्ण हो गया है. उन्होंने खान विभाग समेत सभी एजेंसियों से क्रिटिकल मिनरल की खोज व ब्लॉक तैयार करने में सहयोग की अपील की. श्री राजकमल शुक्रवार को होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित 29वीं झारखंड राज्य भूतात्विक कार्यक्रम बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दो महीने पहले प्रधानमंत्री ने भी दिल्ली में हुई बैठक में रेयर अर्थ मिनरल पर जोर दिया था. कई जगहों पर मिनरल डंप से भी रेयर अर्थ मिनरल निकाले जा रहे हैं. ऐसी तकनीक का यहां भी इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार सभी विश्वविद्यालयों व तकनीकी संस्थानों से भी इस खोज के लिए आगे आने का आह्वान कर रही है. उन्हें हर प्रकार का सहयोग दिया जायेगा. खान सचिव ने कहा कि सारंडा के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मिनरल के महत्व को समझा और उसके अनुरूप ही आदेश दिया. सारंडा के जंगलों से निकले लौह अयस्क से चंद्रयान बना है.पुरानी बैट्री से भी रेयर अर्थ मेटल निकाले जा सकते हैं
बैठक में झारखंड में पाये जाने वाले विभिन्न खनिजों जैसे- सोना, हीरा, यूरेनियम, लिथियम, ग्रेफाइट, पन्ना आदि के अन्वेषण, उपलब्धता एवं गुणवत्ता पर जीएसआइ, एएमडी, एनएमएल, खान एवं भूतत्व विभाग के द्वारा विस्तृत चर्चा की गयी. इसके अतिरिक्त पुरानी बैट्री, मिनरल डंप से क्रिटिकल एवं स्ट्रैटेजिक मिनरल के निष्कर्षण एवं उपयोगिता पर विशेष चर्चा की गयी.
45 खनिज ब्लॉक में अन्वेषण का कार्य प्रगति पर
भूतत्व निदेशक कुमार अमिताभ ने खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित नवीनतम मिनरल ऑक्शन रूल पर जानकारी देते हुए बताया कि 45 खनिज ब्लॉक में वर्तमान में अन्वेषण का कार्य प्रगति पर है. इसके अतिरिक्त 44 लघु खनिज (सामान्य पत्थर) ब्लॉक का भूतात्विक प्रतिवेदन नीलामी के लिए खान निदेशालय को उपलब्ध कराया गया है. भूतत्व निदेशालय लघु खनिज के पत्थर के ब्लॉक के अतिरिक्त चाइना क्ले, क्वार्टज, टाल्क, सोप स्टोन एवं डोलेमाइट आदि के खनिज ब्लॉक तैयार करने की दिशा में कार्य कर रहा है. अगले एक वर्ष में वृहद खनिज यथा ग्रेफाइट, बॉक्साइट, आयरन ओर, लिथियम, गोल्ड, कॉपर तथा एमेराल्ड आदि से संबंधित लगभग 12 खनिज ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.अभ्रक पट्टी में लिथियम की खोज पर चर्चा
बैठक में कोडरमा तथा गिरिडीह जिला अंतर्गत अभ्रक पट्टी क्षेत्र में लिथियम तथा अन्य रेयर अर्थ एलिमेंट की भूतात्विक खोज पर विस्तार से चर्चा की गयी. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण एजेंसी ने बताया कि इनके द्वारा राज्य के सभी 24 जिलों के लिए जिला सर्वेक्षण मानचित्र तैयार किया जा रहा है. परमाणु खनिज निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक द्वारा सिंहभूम शियर जोन की गहराई में यूरेनियम की खोज से संबंधित सूचना उपलब्ध करायी गयी.
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