रांची. सदन में बजट पर चर्चा के दौरान बाबूलाल मरांडी ने हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं के लिए चलायी गयी योजना का असर नहीं होने का मामला उठाया. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हड़िया-दारू सामाजिक परंपरा का हिस्सा था. यह पूजा-पाठ में उपयोग होता था. दिशोम गुरु भी इसके खिलाफ हैं. इसके लिए हम लोगों ने फूलो-झानो योजना लायी थी. लेकिन, कुछ महिलाएं फिर हड़िया-दारू बेचने लगी हैं.
ठोस पहल करेंगे, काम हो रहा है
सीएम ने कहा कि जेल जाने से पहले 20-25 हजार महिलाओं को हम लोगों ने हड़िया-दारू बेचने से छुड़वाया था. अब इसके लिए एक ठोस पहल करेंगे. इस पर काम हो रहा है. प्रयास होगा. इस पर हम विपक्ष का भी सुझाव चाहते हैं. यह बुराई है और इसे खत्म करने के लिए मिलजुल कर प्रयास करेंगे.
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