रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरे के साइंटिफिक निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान जिलों से जवाब नहीं आने पर नाराजगी जतायी. माैखिक रूप से कहा कि फरवरी माह में ही जिलों के उपायुक्तों को मेडिकल कचरे के निष्पादन को लेकर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अब तक जवाब दायर नहीं किया गया है. यह गंभीर मामला है. सरकार द्वारा शपथ पत्र दायर करने के लिए छह सप्ताह का समय देने के आग्रह को खंडपीठ ने स्वीकार नहीं किया.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश
खंडपीठ ने मामले में 25 फरवरी 2025 के आदेश के आलोक में सभी जिलों के उपायुक्तों को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई आठ मई को होगी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्यूमन राइट्स कॉन्फ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद व बोकारो के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन की मांग की है. पूर्व की सुनवाई में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बताया गया था कि राज्य में पांच जगहों जैसे लोहरदगा, धनबाद, आदित्यपुर, रामगढ़ व पाकुड़ में बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट चल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है