प्रतिनिधि, पिपरवार.
पिपरवार क्षेत्र के सीएचपी/सीपीपी परियोजना से जमकर कोयले की तस्करी होने की सूचना मिल रही है. इस गोरखधंधे में तस्करों ने बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं को लगा रखा है. किचटो की गलियों में ग्रामीणों के घरों के बाहर इक्ट्ठा किया गया कोयला देखा जा सकता है. जानकारी के अनुसार महिलाएं सीएचपी के वॉश कोल व रॉ कोल स्टॉक परिसर से कोयला ले जाती हैं. फिर तस्कर इन जमा किये हुए कोयले को दिन के उजाले में बाइक में लाद कर डुंडू-बमने ले जाते हैं. तस्करों की वजह से जरूरत पड़ने पर आम ग्रामीणों को चूल्हा जलाने के लिए भी कोयला नहीं मिलता है. सीआइएसएफ जवान ऐसे जरूरतमंद ग्रामीणों को एक छटाक कोयला नहीं ले जाने देते हैं. जबकि तस्करी के खेल में शामिल लोग बेरोक-टोक कोयला ले जाने में सफल हो जाते हैं. जानकारी के अनुसार सीएचपी परियोजना कार्यालय परिसर में ही सीआइएसएफ का कैंप भी है. इन्हें सीसीएल संपत्ति की सुरक्षा के लिए रखा गया है. वहीं, बगल में ही राजधर पुलिस पिकेट भी है. चिरैयाटांड़, किचटो, बिलारी, कारो, कल्याणपुर में पुलिस गश्ती दल को हमेशा बाइक चेकिंग आदि अभियान चलाते देखा जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

