रांची. युवा संगीत नाटक अकादमी, रांची की ओर से आड्रे हाउस में चार दिवसीय 12वां छोटानागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है. इसमें शनिवार की शाम को दो नाटकों का मंचन हुआ. इसमें रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर की ओर से अजातघर का मंचन किया गया. इसके लेखक रामेश्वर प्रेम व निर्देशन कपिलदेव रंग हैं. यह नाटक दो किरदारों के इर्द-गिर्द घूमता है. दोनों किरदार मेला देखने जाते हैं, जहां जाति हिंसा भड़क उठती है. भगदड़ मच जाती है. इसी क्रम में दोनों एक टूटे-फूटे उजड़े वीरान घर में आकर बचने की कोशिश करते हैं. दोनों व्यक्ति एक-दूसरे से अनजान हैं. वह एक-दूसरे की जात पता करने में लग जाते हैं. दोनों अंजान व्यक्ति के मन में एक-दूसरे के प्रति डर बैठा हुआ है की कौन किसके ऊपर कब हमला कर इस जातीय रंजीश का बदला ले ले. दूसरी ओर बाहरी शोर जो हुड़दंगियों का है, उनके भय से धीरे-धीरे एक-दूसरे में मेल हो जाता है. दोनों अपनी-अपनी कहानी बताते हैं. इस दौरान देश और समाज में हो रहे जातीय व सांप्रदायिक हिंसा को लेकर बहस भी करते हैं. इस नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि सभी मानव एक हैं चाहे वह किसी जाति अथवा धर्म के हों. नाटक में डॉ जयंत व सुनील कुमार रंग ने सराहनीय भूमिका निभायी. पार्श्व संगीत सौरभ कुमार ने दिया. मौके पर कमल बोस, एमके पाठक, नरेश प्रसाद, नरेश बग्घा, अमर कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.
नाटक आशियाना में दिखा देश प्रेम
नाटक आशियाना की प्रस्तुति गिरिडीह की टीम आइना की ओर से दी गयी. निर्देशक महेश अमन थे. सभी पात्र भारत के अलग-अलग क्षेत्र से हैं, जो आशियाना नामक लॉज में रहते हैं. इनमें खान-पान, पहनावा व बोली के कारण अक्सर आपसी नोकझोंक होता है. जब उन्हें यह लगता है कि देश पर कोई खतरा आया तो सभी के अंदर का देश प्रेम जाग जाता है. राष्ट्रीयता को समर्पित इस नाटक में हास्य, व्यंग्य, करुणा, वीरता की झलक दिखायी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है