रांची. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ओड़िशा में आदिवासी नेतृत्व चयन और सशक्तिकरण कार्यक्रम में शामिल हुए. भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज के बीच उभरते नेतृत्व को पहचानना, प्रशिक्षित करना और उन्हें संगठन में सशक्त भूमिका प्रदान करना है. इसी क्रम में ओड़िशा राज्य में आदिवासी नेतृत्व को मजबूत करने और संभावनाशील लीडर्स के चयन की जिम्मेदारी शीर्ष नेतृत्व द्वारा श्री तिर्की को सौंपी गयी है. इस पहल के तहत उन्होंने आज ओड़िशा में विभिन्न आदिवासी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ संवाद कर पैनल चयन प्रक्रिया की शुरुआत की. बैठक में प्रतिपक्ष के नेता श्री रामचंद्र, राज्य प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक प्रह्लाद पूर्ति, सचिव मत्राज डुंगडुंग, जैकेब माझी और लक्ष्मण हेंब्रोम सहित कई नेता शामिल हुए. मौके पर श्री तिर्की ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा ही आदिवासियों के हक और अधिकार की सबसे सशक्त आवाज रही है. पेसा कानून, वन अधिकार अधिनियम, मनरेगा, भूमि अधिग्रहण कानून, छात्रवृत्ति और भोजन का अधिकार ये सभी कांग्रेस की नीतियों का परिणाम हैं. उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि हम आदिवासी समाज के भीतर से नई नेतृत्व क्षमता को पहचानें, उसे प्रशिक्षित करें और सामाजिक जागरूकता को गहराई तक पहुंचाएं. तिर्की ने कहा कि सूचना और तकनीकी के युग में नेताओं को नये उपकरणों, नीतियों और सरकारी योजनाओं की समझ के साथ समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है. कांग्रेस पार्टी अब केवल नाम मात्र की आदिवासी कांग्रेस नहीं, बल्कि एक संगठित और सशक्त जनआंदोलन की दिशा में आगे बढ़ रही है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि हर प्रतिभाशाली आदिवासी कार्यकर्ता को अवसर मिले और वह अपने समाज की आवाज बन सके.
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