रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में सरकारी शिक्षकों के पढ़ाने से संबंधित शिक्षा विभाग के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थियों का पक्ष सुना. इसके बाद स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में सरकारी शिक्षकों से जबरन पढ़ाने के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को मामले में जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने अदालत को बताया कि शिक्षा विभाग राज्य में संचालित प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से जबरन पढ़ाने का प्रयास कर रहा है. विभाग ने जून माह में आदेश जारी कर कहा है कि अंग्रेजी भाषा में पढ़ाने की क्षमता रखनेवाले सरकारी शिक्षक आदर्श विद्यालयों में पढ़ाने के लिए आवेदन करें. आवेदन नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. अधिवक्ता श्री सोरेन ने विभाग के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मनीषा रानी सहित 39 प्रार्थियों ने याचिका दायर की है.
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