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Political News : मित्र के लिए रिम्स टू का विरोध कर रहे हैं बाबूलाल : झामुमो

झामुमो ने कहा है कि प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी कह रहे हैं कि आदिवासी जमीन की लूट नहीं होने देंगे. मरांडी जी का इतना ह्दय परिवर्तन, इतना संवेदनशील हैं, नहीं मालूम था.

रांची (ब्यूरो प्रमुख). झामुमो ने कहा है कि प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी कह रहे हैं कि आदिवासी जमीन की लूट नहीं होने देंगे. मरांडी जी का इतना ह्दय परिवर्तन, इतना संवेदनशील हैं, नहीं मालूम था. राज्य ने बाबूलाल मरांडी का वो रूप भी देखा है, जो उनके शासनकाल में हुआ. राज्य के लोगों को तपकरा और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए आदिवासी जमीन अधिग्रहण के लिए गोलीकांड याद है.

झामुमो महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को यहां पक्षकारों से कहा कि बाबूलाल मरांडी के असली चरित्र का दर्पण तपकरा और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज गोलीकांड है. झामुमो प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि बड़ी योजना के कारण बाबूलाल नगड़ी में रिम्स-टू का विरोध कर रहे हैं. यह विरोध अपने एक मित्र के लिए कर रहे हैं, उस मित्र का नाम सुरेश साहू है.

झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि चार दशकों के संघर्ष, हजारों बलिदान और कुर्बानी के बाद अलग झारखंड राज्य बना. बाबूलाल ने इस राज्य की बुनियाद में ही दीमक लगाने का काम किया. राज्य के लोगों के शोषण, पहचान और सम्मान के लिए आंदोलन करने वालों के खिलाफ काम किया. बिहार की नियमावली को झारखंड में लागू किया. झामुमो ने कहा था कि राज्य अपनी नियमावली बनाये. इससे आदिवासी जमीन की लूट बंद होगी. बाबूलाल मरांडी जब भाजपा में थे, तो 2003 से 2006 तक आर्सेलर मित्तल सहित 104 एमओयू साइन किये. आज मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं, तब औपनवैशिक और शोषक का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी तपकरा और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए काफी मांगें. केंद्र सरकार ने 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून बनाया है. इस कानून के तहत अगर अधिग्रहित जमीन का उपयोग नहीं हो रहा है, तो रैयतों को लौटाना है. केंद्र की कई कंपनियों ने 1958 से हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहित किया है. इसका उपयोग नहीं हो रहा है.

रैयतों को जमीन वापस करायें मरांडी : सुप्रियो

झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी केंद्र सरकार बात कर रैयतों को जमीन वापस करायें. सीएनटी एक्ट के तहत भी प्रावधान है कि लोक-उपयोग के लिए जमीन का अधिग्रहण हो सकता है. बाबूलाल किस मानसिकता से अस्पताल का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने गरीब आदिवासियों का हजारों एकड़ जमीन वापस किया है. बाबूलाल मरांडी के पास आदिवासी जमीन सुरक्षित नहीं रह सकता है. ये किसी ना किसी पूंजीपति को बांट देंगे.

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