रांची. राजधानी रांची के जमगाईं गांव में स्थित तीर्थस्थल पर रविवार को छोटानागपुर के प्रेरित फादर कांस्टेंट लीवंस के आगमन की 140वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम हुआ. यह तीर्थ ईश सेवक फादर कांस्टेंट लीवंस की स्मृति में बना है. रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप विसेंट आईंद की आगुवाई में समारोेही मिस्सा बलिदान अर्पित किया गया. आर्चबिशप ने कहा कि छोटानागपुर के प्रेरित ईश सेवक फादर कांस्टेंट लीवंस ने एक मिशनरी बनकर शिक्षा, न्याय और विश्वास की आग जलायी. उन्होंने ””””आग जलती रहे”””” का नारा दिया. उस आग को हमारे जीवन में जलाये रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है.
फादर कांस्टेंट के आगमन से ही आदिवासियों की जमीन बची रही
आर्चबिशप ने कहा कि फादर कांस्टेंट के आगमन से ही हमारे आदिवासियों की जमीन बची रही. हम शिक्षित हो पाये हैं और अपना अस्तित्व संभाल कर रख पाने में सक्षम हुए हैं. समारोह में बड़ी संख्या में विश्वासी तीर्थयात्री के रूप में आये और प्रार्थना समारोह में शामिल हुए. तीर्थस्थल पर तीर्थयात्रियों के लिए पाप स्वीकार संस्कार भी हुआ. इसमें लोगों ने अपने पापों की क्षमा के लिए प्रार्थना की. इस अवसर पर सोसाइटी ऑफ जीसस के प्रोविंशियल फादर अजीत कुमार खेस्स, टीओआर रांची के प्रोविंशियल फादर मनोज वेंगातनम, हुलहुंडू के पल्ली पुरोहित फादर विंसेंट मिंज, तीर्थस्थल के निदेशक फादर एडविन मिंज आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है