रांची. कृषि विज्ञान केंद्र दिव्यायन में गाजर घास जागरूकता सप्ताह के तहत कार्यक्रम किया गया. दिव्यायन के कृषि वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि खरपतवार गाजर घास मानव, पशु व कृषि, तीनों के लिए हानिकारक है. यह मिट्टी से नमी और पोषक तत्व सोख लेता है. साथ ही देसी घासों और वनस्पतियों को खत्म कर जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाता है. कहा कि इससे बचने के लिए पौधों को जड़ समेत उखाड़ कर नष्ट करना जरूरी है. खेतों की बार-बार गहरी जुताई भी करना चाहिए. कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने खेतों, घर-आंगन, विद्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर गाजर घास का उन्मूलन करने का संकल्प लिया. आइसीएआर-डीडब्लूआर जबलपुर के तत्वावधान में हुए आयोजन में आइसीएआर-एटीएआरआइ, जोन चार का भी सहयोग रहा.
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