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फारसी के शिक्षक मैथ, इतिहास के टीचर जांच रहे हिंदी की कॉपी

झारखंड में मैट्रिक के परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़ सुनील कुमार झा रांची : राज्य में मैट्रिक के परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए नियम को ताक पर रख कर परीक्षक नियुक्त कर दिये हैं. फारसी […]

झारखंड में मैट्रिक के परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
सुनील कुमार झा
रांची : राज्य में मैट्रिक के परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए नियम को ताक पर रख कर परीक्षक नियुक्त कर दिये हैं. फारसी के शिक्षक से गणित, तो इतिहास के शिक्षक से हिंदी की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करायी जा रही है.
परीक्षकों की नियुक्ति में यह भी नहीं देखा गया कि कौन किस विषय के शिक्षक हैं. रांची में जिला स्कूल स्थित मूल्यांकन केंद्र पर गणित की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन आजद हाइस्कूल रांची में पदस्थापित फारसी के शिक्षक मो शकील यूसुफ कर रहे हैं. वहीं, हिंदी की कॉपी का मूल्यांकन इसी स्कूल के इतिहास के शिक्षक इंद्रदेव प्रसाद कर रहे हैं. इंद्रदेव फिलहाल सिल्ली स्थित एक हाइस्कूल में प्रतिनियुक्ति पर हैं.
जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि केवल इन्हीं दो शिक्षकों के मामले में जैक ने गलती की है, बल्कि रांची में ऐसे करीब दर्जन भर
मामले हैं.
मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक परितोष चौधरी अंगरेजी विषय के शिक्षक हैं. पर जैक ने उनका नाम समाज शास्त्र विषय की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए तय कर दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने सुधार करवा लिया. जानकार लोगों का कहना है कि रांची के अलावा अन्य जिलों में भी परीक्षक की प्रतिनियुक्ति में इस तरह की गड़बड़ी हुई है. जांच होने पर ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं.
ऐसे तय होते हैं परीक्षक के नाम
उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए परीक्षक के नाम जैक तय करता है. इसके लिए शिक्षकों के नाम संबंधित विद्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में जमा कराते हैं. इसमें शिक्षक की नियुक्ति से लेकर उनके विषय के संबंध में विस्तृत जानकारी रहती है. जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षकों के नाम जैक को भेजते हैं. जैक से परीक्षकों के नाम तय होते हैं. इसके बाद लिस्ट डीइओ कार्यालय को भेजा जाता है.
एक बार दर्ज नाम में नहीं करते बदलाव
जैक परीक्षकों के नाम को प्रति वर्ष नये सिरे से तैयार नहीं करता. एक बार जिन शिक्षकों के नाम परीक्षक के लिए लिस्ट में आ जाते हैं, उन्हें बिना जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा पर भी परीक्षक बना दिया जाता है. इस वर्ष भी लिस्ट में कई ऐसे नाम हैं, जिनकी अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से नहीं की गयी थी
शकील व इंद्रदेव के नाम मेरे स्कूल स्थित मूल्यांकन केंद्र में परीक्षक के रूप में दिया गया है. दोनों की प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया के तहत हुई है. शकील गणित व इंद्रदेव हिंदी की कॉपी जांच रहे हैं. वे मूल रूप से किस विषय के शिक्षक हैं, इसकी जानकारी केंद्र को नहीं दी जाती है.
– नरेंद्र कुमार, प्रधानाध्यापक सह केंद्र निदेशक जिला हाइस्कूल
200 कॉपियों का कर दिया मूल्यांकन
फारसी के शिक्षक मो शकील यूसुफ और इतिहास के शिक्षक इंद्रदेव प्रसाद ने गणित और हिंदी की अब तक करीब 200 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर दिया है. रविवार को प्रभात खबर की टीम जब जिला स्कूल पहुंची, तो दाेनों को मूल्यांकन करते पाया गया. दोनों शिक्षक इस तरह कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे थे, जैसे वे संबंधित विषय के ही शिक्षक हों.
शकील यूसुफ व इंद्रदेव प्रसाद आजाद हाइस्कूल में शिक्षक हैं. इंद्रदेव प्रसाद वर्तमान में सिल्ली स्थित हाइस्कूल में प्रतिनियुक्त हैं. शकील फारसी व इंद्रदेव इतिहास के शिक्षक हैं. कौन किस विषय की कॉपी का मूल्यांकन कर रहा है, इसकी जानकारी नहीं है. – डॉ इसरायल उद्दीन, प्रधानाध्यापक, आजाद हाइस्कूल

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