रांची : जेपीएससी की तैयारी करने से तो बेहतर है नक्सली बन जाएं आत्मसमर्पण के बाद पैसा और नौकरी दोनो मिलेगा. एक तरफ सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही है दूसरी तरफ उनकी नीतियां हमें नक्सली बनने पर मजबूर कर रही है. प्रभात खबर डॉट कॉम के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में छात्रों ने एक साथ कहा कि हमें हथियार उठाने या हिंसा करने पर मजबूर ना करे रघुवर सरकार.
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प्रभात खबर फेसबुक लाइव में बोले छात्र, नक्सली बनेंगे तो नौकरी और पैसा दोनों मिलेगा
रांची : जेपीएससी की तैयारी करने से तो बेहतर है नक्सली बन जाएं आत्मसमर्पण के बाद पैसा और नौकरी दोनो मिलेगा. एक तरफ सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही है दूसरी तरफ उनकी नीतियां हमें नक्सली बनने पर मजबूर कर रही है. प्रभात खबर डॉट कॉम के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में […]
छात्र नेता मनोज कुमार कई बार जेपीएससी की परीक्षा दे चुके हैं. इटरव्यू तक पहुंचकर भी उन्हें नौकरी नहीं मिली. मनोज के साथ कई छात्र सवाल कर रहे हैं जो ज्यादा नंबर लेकर आया है वह फेल कैसे हो गया. जेपीएसएसी अभ्यर्थियों ने खुलकर अपने विचार प्रकट किये और कहा कि सरकार की नीति स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. जेपीएससी द्वारा ली गयी परीक्षा की सीबीआई जांच चल रही है.
ऐसे में झारखंड प्रशासनिक सेवा आयोग की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है. उन्होंने कहा छठे जेपीएससी पीटी रिजल्ट में 280 नंबर लाने वाला फेल है और 206 नंबर लाने वाला पास है. मनोज कुमार ने कहा कि बाहरियों की नियुक्ति हो रही है, झारखंड के लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है. शिक्षक नियुक्ति को लेकर झारखंड में दो पूर्व परीक्षा हो चुके हैं , कभी सबजेक्ट कम्बिनेशन का मुद्दा नहीं उठा. डीयू का सिलेबस लगाया जा रहा है, यहां के पांच यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का तरीका वैसा नहीं है.
झारखंडियों को बाहर करने की कोशिश
झारखंड के छात्रों को यहां से बाहर करने की कोशिश है जबकि दूसरे जगह के छात्रों को यहां जगह मिल रही है. जितने अधिकारी नीतियां बनाने में शामिल है सब बाहरी है बाहर के लोगों को नौकरी दी जा रही है और यहां के छात्र बेरोजगार हैं. कुल मिलाकर यहां के छात्रों का सलेक्शन नहीं रिजेक्शन करना चाहती है सरकार. शिक्षक नियुक्ति प्रकिया पर सवाल उठाते हुए दिलीप ने कहा, शिक्षक नियुक्ति के लिए जो वेकेंसी निकाली उसमें सबसे ज्यादा 284 नंबर आये. आप पूरे देश में टॉपर की सूची निकाल कर देख लीजिए इतने तो उन्हें भी नहीं मिले फिर यहां लोगों ने क्या लिख दिया कि उन्हें 90 प्रतिशत से ज्यादा नंबर दे दिया है.
हौसला टूट रहा है
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे एक छात्र ने कहा, हम सब छोड़कर किसी एक नौकरी की तैयारी करते हैं मैंने सचिवालय की तैयारी के लिए पूरी मेहनत की परीक्षा के बाद कुछ दिनों के बाद इसे रद्द कर दिया गया . ऐसे फैसलों से हौसला टूटता है.
तीन साल हो गये एक भी नियुक्ति नहीं
सरकार की मंशा समझना मुश्किल है तीन साल हो गये अबतक एक बी नियुक्ति नहीं की.जिनकी नियुक्ति पहले ही हो चुकी है उन्हें पीएम के हाथ से नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, छात्र ने कहा, हम बेरोजगार है आंदोलन करेंगे आंदोलन करेंगे तो नेता बनेंगे फिर आपकी कुरसी को ही खतरा है तैयार रहिये हम आ रहे हैं
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