21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डॉ अशोक प्रियदर्शी को राधाकृष्ण पुरस्कार

रांची: शनिवार को डॉ अशोक प्रियदर्शी को 33वां राधाकृष्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. रोटरी क्लब हॉल में आयोजित समारोह में डॉ प्रियदर्शी को शाल, प्रशस्ति पत्र व 15 हजार एक रुपये नकद दिये गये. यह पुरस्कार साहित्यकार स्व. राधाकृष्ण की स्मृति में दैनिक रांची एक्सप्रेस द्वारा प्रति वर्ष एक साहित्यकार को दिया जाता है. […]

रांची: शनिवार को डॉ अशोक प्रियदर्शी को 33वां राधाकृष्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. रोटरी क्लब हॉल में आयोजित समारोह में डॉ प्रियदर्शी को शाल, प्रशस्ति पत्र व 15 हजार एक रुपये नकद दिये गये. यह पुरस्कार साहित्यकार स्व. राधाकृष्ण की स्मृति में दैनिक रांची एक्सप्रेस द्वारा प्रति वर्ष एक साहित्यकार को दिया जाता है.

डॉ प्रियदर्शी को यह पुरस्कार वर्ष 2012 के लिए दिया गया. समारोह में मुख्य अतिथि इस्को स्टील प्लांट (सेल) के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी नंद किशोर झा ने कहा कि राधाकृष्ण ने हमेशा स्थानीय साहित्यकारों का हौसला बढ़ाया. डॉ श्रवण कुमार गोस्वामी ने कहा कि डॉ अशोक प्रियदर्शी ने एक कहानीकार के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी हैं.

डॉ अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि उनकी पहली कहानी वर्ष 1956 में एक पत्रिका में प्रकाशित हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त ने कहा कि समय के साथ हर क्षेत्र में बदलाव आया है. पत्रकारिता के क्षेत्र में भी काफी कुछ बदला है. कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पीजी के टॉपर विद्यार्थी प्रीति को सीताराम मारू पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया. मौके पर रांची एक्सप्रेस के स्वर्ण जयंती परिशिष्ट का लोकार्पण भी किया गया. मंच संचालन राजश्री, स्वागत भाषण विजय मारू व धन्यवाद ज्ञापन डॉ भुवनेश्वर अनुज ने किया. मौके पर अजय मारू, डॉ विद्याभूषण, अशोक नागपाल, हुसैन कच्छी समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

डॉ अशोक प्रियदर्शी का परिचय
डॉ अशोक प्रियदर्शी का जन्म 13 नवंबर 1937 को हुआ था. रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए. अब तक उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. इनमें करम का लेख (कहानी संग्रह) कल्लू सुराजी और जश्ने-आजादी (व्यंग्य) खुला बाजार उर्फ झुमरी तिलैया (व्यंग्य), कामायनी पढ़ते हुए (आलोचना)शामिल हैं. शाल वन का आखिरी पेड़(कहानी संकलन) जंगल (उपन्यास) सदल मिश्र (विनिबंध) रचनाएं प्रकाशनाधीन हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें