सरकार एनएच को प्राथमिकता देने के बदले अगर उतनी पूंजी पानी संचय और खेतों तक उसे पहुंचाने की योजना पर खर्च करे, तो यहां की खेती तीन फसल देगी. रोजगार का सृजन होगा. पलायन की समस्या खत्म हो जायेगी.
झारखंड की जनता फिलहाल पलायन का दंश झेल रही है. राज्य में आकाल की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. लोग पलायन करने को मजबूर हैं. अगर केंद्र सरकार को झारखंड की जनता की चिंता है, तो यहां हर गांव में काम और अनाज का बंदोबस्त कर पलायन पर रोक लगाने का काम करे. झारखंड सरकार ने खाद्यान सुरक्षा को मजाक बना कर रख दिया है. न गरीब किसान को राशन कार्ड मिला और न ही कार्डधारियों को सही ढंग से अनाज मिल रहे हैं.