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कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बुंडू की कक्षा नौ की छात्रा पुष्पा ने बनाया है बेबी फूड

रांची: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बुंडू की छात्रा पुष्पा द्वारा तैयार बेबी फूड बाल अमृत बाजर में आयेगा. पुष्पा ने बेबी फूड शिक्षक शशि कुमार मिश्रा की देखरेख में तैयार किया है़ श्री मिश्रा ने बताया कि बेबी फूड को बाजार में उतारा जायेगा़ इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जायेगी़ उन्हाेंने कहा कि इसके […]

रांची: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बुंडू की छात्रा पुष्पा द्वारा तैयार बेबी फूड बाल अमृत बाजर में आयेगा. पुष्पा ने बेबी फूड शिक्षक शशि कुमार मिश्रा की देखरेख में तैयार किया है़ श्री मिश्रा ने बताया कि बेबी फूड को बाजार में उतारा जायेगा़ इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जायेगी़ उन्हाेंने कहा कि इसके लिए प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है़. बेबी फूड को आगे बढ़ाने में सरकार भी पुष्पा की मदद करेगी़ बाजार में उतारने की जो प्रक्रिया होगी, उसमें शिक्षा विभाग के स्तर से मदद किया जायेगा़ बेबी फूड की पोषकता की जांच करायी जायेगी़ इस मापदंड पर खरा उतरने के बाद प्रावधान के अनुरूप इसका पंजीयन कराया जायेगा़ पुष्पा द्वारा बनाये गये बेबी फूड बाल अमृत का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है.

इंस्पायर अवार्ड स्कीम के तहत आइआइटी दिल्ली में आयोजित विज्ञान प्रर्दशनी में बाल अमृत का चयन किया गया़ पुष्पा जापान में होने वाले विज्ञान कांग्रेस में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी़ बेबी फूड बनाने में पुष्पा ने भूने हुए गेंहू, मूंग की दाल, मूंगफली, सोयाबीन, गुड़, तुलसी पत्ता, सहजन, आंवला, अजवाईन व हल्दी का प्रयोग किया है़ एक केजी बेबी फूड की लागत 58 रुपये है, जबकि पोषण के मामले में यह बजार के फूड से काफी बेहतर है़ बेबी फूड प्रोटिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामीन सी समेत अन्य पोषक तत्व से भरपूर है़ एक चम्मच बेबी फूड में कुल 1.5 ग्राम प्रोटिन व सात ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.5 ग्राम वसा के साथ सभी प्रकार के विटामीन व कैल्सियम है़ं बेबी फूड अगर पोषकता के मापदंड पर खड़ा उतरता है, तो इसका प्रयोग सरकार पहले अपने संस्थानों में करेगी़ राज्य में अभी आंगनबाड़ी केंद्र में रेडी टू इट फूड का उपयोग किया जा रहा है़ पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ केंद्रों में बेबी फूड बाल अमृत का प्रयोग किया जा सकता है़
कई लोग बच्चों के लिए कर रहे हैं उपयोग
रांची. विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कई बच्चों को अभी बेबी फूड खिलाया जा रहा है़ उन्होंने बताया कि वे अपनी भगनी के लिए पहले बाजार से बेबी फूड लाते थे, अब उन्होंने उसे बालअमृत खिलाना शुरू कर दिया है़ गत छह माह से अधिक समय से वह बाल अमृत खा रही है़. उन्होंने बताया कि अासपास के इलाकों के कुछ स्कूल की शिक्षिकाओं ने भी इसकी मांग की है़ वे भी बच्चों को बेबी फूड दे रही है़ं.

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