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सुभाषचंद्र बोस की नतिनी राजश्री चौधरी ने कहा, ब्रिटिश सरकार के समर्थक थे नेहरू

जमशेदपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की नतिनी राजश्री चौधरी ने कहा कि नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में नहीं हुई. जहां विमान दुर्घटना की बात कही जाती है, वहां 18 अगस्त 1945 व उससे पहले कोई विमान उतरा ही नहीं था. 21 अक्तूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार की स्थापना हो चुकी थी. नेताजी उसके […]

जमशेदपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की नतिनी राजश्री चौधरी ने कहा कि नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में नहीं हुई. जहां विमान दुर्घटना की बात कही जाती है, वहां 18 अगस्त 1945 व उससे पहले कोई विमान उतरा ही नहीं था. 21 अक्तूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार की स्थापना हो चुकी थी. नेताजी उसके राष्ट्रपति घोषित हुए थे.

उन्हें 11 राष्ट्रों का समर्थन भी प्राप्त था. लेकिन भारत में पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत कुछ नेता थे, िजन्होंने गहरी साजिश कर नेता जी को गायब कराने का काम किया. राजश्री टिनप्लेट कालीमंदिर के सभागार में रविवार को आयोजित कार्यक्रम सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं. राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन सह सेवन सारथी द्वारा आयोजित इस समारोह में नेताओं की मृत्यु का सच वृत्तचित्र दिखाया गया. पं नेहरू को ब्रिटिश सरकार समर्थक बताते हुए राजश्री ने कहा कि वास्तव में हमें स्वतंत्रता मिली ही नहीं है. बल्कि 1947 में सिर्फ सत्ता हस्तांतरण हुआ. उससे पहले एक गहरी साजिश के तहत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वार क्रिमिनल घोषित कर दिया गया था.

डॉ राधाकृष्णन का मुंह बंद कराया : राजश्री ने कहा कि सत्ता हस्तांतरण के कुछ समय बाद जैसे ही पंडित नेहरू को पता चला कि नेताजी रूस में हैं, उन्होंने ब्रिटिश सरकार को इसकी जानकारी दे दी. कुछ साल बाद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण रूस गये थे, वहां मास्को में नेताजी से उनकी मुलाकात हुई थी. तब अखबारों में भी यह खबर प्रकाशित हुई थी. भारत लौट कर डॉ राधाकृष्णन ने जैसे ही मुंह खोला, पं नेहरू ने उन्हें चुप्पी साधने पर विवश कर दिया.
रहस्य उजागर करना चाहते थे लाल बहादुर शास्री : राजश्री चौधरी कहा कि पंडित नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने तो नेता जी के प्रति श्रद्धा व राष्ट्रभक्ति ने उन्हें झकझोरा. ताशकंद समझौते के दौरान उन्होंने निर्णय लिया कि वह नेताजी के रहस्य को उजागर करेंगे. लेकिन वहां शास्त्री जी के साथ गये व व्यवस्था में लगे वैसे अधिकारी जो नेहरू परिवार के करीबी थे, उन्होंने तुरंत उन्हें इसकी सूचना दे दी. वहां लाल बहादुर शास्त्री साजिश के शिकार हुए.
जिस होटल में वे ठहराये गये थे, वहां कोई व्यवस्था नहीं थी. सीने में दर्द हुआ और उनकी मृत्यु हो गयी. उनका शरीर पीला पड़ गया था. राजश्री ने कहा कि मेरे पास एक-एक सबूत मौजूद हैं.
राजश्री चौधरी ने कार्यक्रम में पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से कई संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किये. इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. गजेंद्र सिंह ने स्वागत भाषण किया. मौके पर डॉ एमएस सिंह मानस, डॉ दिलीप ओझा व अन्य ने भी अपने विचार रखे. डॉ मानस ने जमशेदपुर श्रम आंदोलन में नेताजी की भूमिका आधारित अपनी पुस्तक राजश्री चौधरी को भेंट की. कार्यक्रम का संचालन डीडी त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन हेमलता ने किया.
बाबू कुंवर सिंह की परपोती समेत दर्जन भर महिलाएं सम्मानित : कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुंवर सिंह की परपोती रेणु सिंह भी उपस्थित थीं. मौके पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ व नारी सशक्तीकरण के नारे के साथ श्रीमती सिंह, लक्ष्मी सिंह, चंद्रकांता, मीना देवी, भारती सिंह, माधुरी सिंह, मीरा सिंह, ज्योति अधिकारी समेत अन्य महिलाओं को सम्मानित किया गया.

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