रांची: इंटर साइंस के रिजल्ट में सुधार के लिए जिलों में शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू नहीं हो पाया है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल में गत माह सभी जिलों के आठ-आठ शिक्षकों को नौ दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया था.
भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान व गणित के दो-दो शिक्षक ट्रेनिंग लिये थे. इनको प्रश्न पत्र के पैटर्न में बदलाव, स्टेपवाइज मूल्यांकन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी थी. शिक्षकों की ट्रेनिंग पर आने वाला खर्च झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा वहन किया गया था. यह तय किया गया था कि सभी प्रशिक्षित शिक्षक मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने जिले में शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे. एक माह से अधिक होने के बावजूद किसी भी जिले में प्रशिक्षण शुरू नहीं हुआ है. इसके लिए कोई दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किया गया है.
जैक ने लिखा था पत्र
प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा था. जैक ने विभाग की ओर से सभी जिलों में प्रशिक्षण के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी करने का आग्रह किया था. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया गया.
नहीं करते स्टेपवाइज मूल्यांकन
परीक्षक निर्देश के बाद भी नियमों के अनुरूप स्टेपवाइज मूल्यांकन नहीं करते. वर्ष 2013 में जैक की ओर से परीक्षकों को सीबीएसइ पैटर्न के अनुरूप मूल्यांकन का निर्देश दिया गया था. जैक की ओर से परीक्षकों को प्रश्न पत्र का की-नोट भी उपलब्ध कराया गया था.
क्या था उद्देश्य
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इंटर साइंस के रिजल्ट में सुधार के लिए प्रश्न पत्र व मूल्यांकन के पैटर्न में बदलाव किया है, जो वर्ष 2014 से प्रभावी होगा. इसकी जानकारी शिक्षकों को देने के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम बनाया गया. शिक्षकों का प्रशिक्षण हुआ, पर जिलों में प्रशिक्षण शुरू नहीं हुआ. गौरतलब है कि इंटर साइंस की परीक्षा में आधे से अधिक विद्यार्थी फेल हो जाते हैं.