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चारा घोटाला मामला : सरकारी खजाने में सोना जमा करने के लिए आरबीआइ को पत्र
रांची : राज्य सरकार ने चारा घोटाले का 49 किलोग्राम 475 ग्राम सोना सरकारी खजाने में जमा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ, पटना)को पत्र लिखा है. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा दिये गये आदेश के आलोक में राज्य के वित्त सचिव अमित खरे ने पत्र लिखा है. वित्त सचिव की ओर से […]
रांची : राज्य सरकार ने चारा घोटाले का 49 किलोग्राम 475 ग्राम सोना सरकारी खजाने में जमा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ, पटना)को पत्र लिखा है. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा दिये गये आदेश के आलोक में राज्य के वित्त सचिव अमित खरे ने पत्र लिखा है.
वित्त सचिव की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि सीबीआइ ने चारा घोटाले के सप्लायर त्रिपुरारी मोहन के ठिकानों से 46.475 किलोग्राम सोना जब्त किया था. विशेष न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के बाद इसे सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया है.
इसलिए आरबीआइ इसे झारखंड सरकार के सरकारी खजाने में जमा करा दे. उल्लेखनीय है कि अदालत के आदेश के बाद सरकार ने गोल्ड बांड सरकारी खजाने में जमा कराने की जिम्मेवारी वित्त सचिव को सौंपी थी. यह एक संयोग ही है कि वह चारा घोटाले के कई मामलों में उपायुक्त चाईबासा की हैसियत से शिकायकर्ता रहे हैं. किसी घोटाले की राशि से अजिर्त संपत्ति को सरकार के हवाले किये जाने का यह पहला मामला है.
चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 20ए/96 में फैसला सुनाते वक्त तत्कालीन विशेष न्यायाधीश ने पीके सिंह ने घोटालेबाजों के ठिकानों से जब्त कुल 207 किलोग्राम 513 ग्राम सोना और 1.67 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया था. उनके तबादले के बाद विशेष न्यायाधीश योगेश्वर मणी की अदालत में कांड संख्या आरसी 20ए/96 के मुजरिमों व एप्रुवर ने पुनर्विचार के लिए आवेदन दिया.
अदालत ने इसमें से सिर्फ त्रिपुरारी मोहन प्रसाद के आवेदन पर विचार के बाद 49.475 किलोग्राम सोना सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया. शेष आवेदनों पर फैसला सुरक्षित रख लिया .
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