मनोज सिंह, रांची. कोल इंडिया की कंपनियों में 4500 से अधिक स्टैट्यूटरी (वैधानिक) मैनपावर के पद रिक्त हैं. डायरेक्टर जनरल माइंस सेफ्टी ने बार-बार इन पदों को भरने का निर्देश दिया है. खनन कार्य में इन पदों का पूरा भरा रहना माइंस एक्ट के अनुसार जरूरी है. श्रम मंत्रालय ने कोयला खनन के लिए ओवरमैन (ओएम), माइनिंग सरदार (एमएस), इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर (इएस) और सर्वेयर के पदों को वैधानिक माना है. इन पदों पर रिक्ति और दुर्घटना की स्थिति की समीक्षा के लिए कोल इंडिया ने एक त्रिपक्षीय कमेटी बनायी है. इसमें कोल इंडिया प्रबंधन, डीजीएमएस सदस्य और मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि होते हैं. कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड की बैठक में इस पर विचार होता है. इसमें कंपनियों को बताना पड़ता है कि किन कारणों से वैधानिक पद रिक्त हैं.
सबसे अधिक 1544 रिक्त पद माइनिंग सरदार के
कोल इंडिया की कंपनियों में सबसे अधिक रिक्त पद माइनिंग सरदार का है. सभी आठ अनुषंगी इकाइयों में कुल 6726 पद स्वीकृत हैं. इनमें 5182 कर्मी कार्यरत हैं. करीब 1544 पद रिक्त हैं. सबसे अधिक 470 पद एसइसीएल में खाली हैं. सीसीएल में 118 और बीसीसीएल में 258 पद रिक्त हैं. ओवरमैन के 6780 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 5280 कर्मी कार्यरत हैं. करीब 1500 पद रिक्त हैं. सीसीएल में 51, बीसीसीएल में 236 और इसीएल में 255 पद खाली हैं. इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर के 1469 पद रिक्त हैं. सीसीएल में 94, बीसीसीएल में 239 और इसीएल में 452 पद खाली हैं. सर्वेयर के 1041 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 878 पर कर्मी कार्यरत हैं. करीब 163 पद रिक्त हैं. सीसीएल में 25, बीसीसीएल में 25 और इसीएल में 40 पद खाली हैं.
2025-26 में एक भी पद के लिए विज्ञापन नहीं निकला
कोल इंडिया ने इन पदों को भरने के लिए 2025-26 में एक भी विज्ञापन जारी नहीं किया है. पूर्व वर्षों में कंपनियों ने आंतरिक बहाली या सीधी भर्ती से कुछ पद भरे हैं, फिर भी 4500 से अधिक पद रिक्त हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में बीसीसीएल ने ओवरमैन के 77, माइनिंग सरदार के चार, सर्वेयर के दो और इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर के सात पद भरे हैं. सीसीएल ने ओवरमैन के 15, माइनिंग सरदार के 18 और इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर के 31 पद आंतरिक और बाहरी भर्ती से भरे हैं.
क्या कहते हैं यूनियन पदाधिकारी
एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा कि कंपनियों में वैधानिक पदों पर पदस्थापित कर्मी रिटायर हो रहे हैं. कंपनियां इन स्थानों को भरने का प्रयास नहीं कर रही हैं. सीसीएल समेत अन्य कंपनियों में भी यही स्थिति है. इससे खदानों में काम करने वाले कर्मी प्रभावित हो रहे हैं. हाल में कई कंपनियों में मैनपावर की कमी दुर्घटना का कारण बन रही है.
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