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पैसों की कमी की वजह से योजना आकार घटा

26,250 करोड़ से घटा कर 19,480 करोड़ किया गया केंद्र द्वारा पैसों की कटौती की वजह से विकास मद में पैसों की कमी हुई रांची : पैसों की कमी (रिसोर्स गैप) की वजह से सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन योजना आकार 26250 करोड़ से घटा कर 19480 करोड़ कर दिया. साथ ही विकास […]

26,250 करोड़ से घटा कर 19,480 करोड़ किया गया
केंद्र द्वारा पैसों की कटौती की वजह से विकास मद में पैसों की कमी हुई
रांची : पैसों की कमी (रिसोर्स गैप) की वजह से सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन योजना आकार 26250 करोड़ से घटा कर 19480 करोड़ कर दिया. साथ ही विकास कार्यो पर घटे हुए योजना आकार में से 97 प्रतिशत खर्च करने का आंकड़ा पेश किया.
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में पहली बार बजट में गैर योजना के मुकाबले गैर योजना आकार तय किया था.
इसका उद्देश्य वेतन भत्ता सहित अन्य प्रकार के खर्चो के मुकाबले विकास योजनाओं पर अधिक खर्च करना था. पर, रिसोर्स गैप की वजह से वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन योजना आकार फिर से गैर योजना आकार के मुकाबले कम हो गया. सरकार ने 50387 करोड़ के बजट में 26250 करोड़ रुपये का योजना आकार तय किया था.
निर्धारित योजना आकार में 18270 करोड़ रुपये का प्रावधान राज्य योजना से और 7980 करोड़ रुपये केंद्रीय व केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए भारत सरकार से मिलने का अनुमान किया गया था. पर, राज्य सरकार को केंद्र से 7980 करोड़ के मुकाबले सिर्फ 3839 करोड़ रुपये ही मिल सका. केंद्र द्वारा पैसों की गयी कटौती की वजह से विकास मद में पैसों की कमी हुई. इससे सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन अपना योजन आकार घटा (संशोधित) दिया.
सरकार ने राज्य योजना आकार को 18270 करोड़ से घटा कर 15642 करोड़ रुपये कर दिया. साथ ही केंद्रीय योजनाओं के लिए निर्धारित 7980 करोड़ के आकार को घटा कर 3839 करोड़ रुपये कर दिया. इस तरह सरकार ने मूल योजना आकार को 26250 करोड़ रुपये से घटा कर 19480 करोड़ रुपये कर दिया.
साथ ही सरकार विकास योजनाओं पर 18873 करोड़ रुपये खर्च करने का आंकड़ा पेश किया, जो घटे हुए योजना आकार का 97 प्रतिशत है. 18873 करोड़ रुपये के इस खर्च में 15366 करोड़ रुपये राज्य योजना और केंद्रीय योजनाओं में से 3509 करोड़ रुपये खर्च हुए.

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