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1932 के सर्वे को आधार बनाया जाये : मुंडा सभा
त्नबैठक में राज्य सरकार की ओर से तैयार की जा रही स्थानीय नीति पर चर्चा की गयी रांची. मुंडा सभा रांची ने राज्य सरकार से स्थानीय नीति बनाने में 1932 के सर्वे सेटेलमेंट को आधार बनाने की मांग की है. सभा की बैठक में बुधवार को राज्य सरकार की ओर से तैयार की जा रही […]
त्नबैठक में राज्य सरकार की ओर से तैयार की जा रही स्थानीय नीति पर चर्चा की गयी
रांची. मुंडा सभा रांची ने राज्य सरकार से स्थानीय नीति बनाने में 1932 के सर्वे सेटेलमेंट को आधार बनाने की मांग की है. सभा की बैठक में बुधवार को राज्य सरकार की ओर से तैयार की जा रही स्थानीय नीति पर चर्चा की गयी. इस दौरान कहा गया कि आदिवासी राज्य के पुरानी निवासी हैं, जिसका ऐतिहासिक दस्तावेजों में उल्लेख भी है.
आदिवासियों के हित को ध्यान में रख कर स्थानीय नीति बनाने की वकालत की गयी. बैठक में सदानों के हितों का भी ध्यान रखने, आदिवासियों की पहचान 1932 के खतियान और उनके गोत्र, नातेदारी और संस्कृति पर करने का भी सुझाव दिया गया. सीएनटी और एसपीटी एक्ट को भी स्थानीय नीति में ध्यान देने, राज्य के तृतीय, चतुर्थ और अन्य सेवाओं में (कैजुअल और स्थायी) पर केवल आदिवासियों और सदानों को नियोजित करने की बातें भी कही गयी. स्थानीय नीति की समिति में 50 फीसदी सदस्य सदान और आदिवासी समुदाय को रखने की मांग की गयी.
बैठक की अध्यक्षता नवीन मुंडू ने की. मौके पर मेघनाथ सिंह मुंडा, बिलकन डांग, सुरसेन सुरीन, सामुएल डांग, सुवास कोनगाड़ी, विमोला तोपनो, सुखराम पाहन, प्रेमचांद होरो, रोशन होरो, तनुजा मुंडा, तुरन लुगुन और अन्य उपस्थित थे.
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