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एनटीपीसी को सौंपा जायेगा पीटीपीएस व टीवीएनएल
1800 एकड़ में है टीवीएनएल झारखंड-बिहार का सबसे बड़ा डैम भी है तेनुघाट तेनुघाट में लग सकता है 1320 मेगावाट का एक और पावर प्लांट पतरातू में भी लग सकता है 1320 मेगावाट के दो पावर प्लांट रांची : राज्य सरकार ने पीटीपीएस व टीवीएनएल को एनटीपीसी को सौंपने की घोषणा कर दी है. इसके […]
1800 एकड़ में है टीवीएनएल
झारखंड-बिहार का सबसे बड़ा डैम भी है तेनुघाट
तेनुघाट में लग सकता है 1320 मेगावाट का एक और पावर प्लांट
पतरातू में भी लग सकता है 1320 मेगावाट के दो पावर प्लांट
रांची : राज्य सरकार ने पीटीपीएस व टीवीएनएल को एनटीपीसी को सौंपने की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही इसकी प्रक्रिया भी आरंभ हो गयी है. कैबिनेट द्वारा मेकन को परामर्शी बनाया गया है, जो पतरातू के एसेट का अध्ययन करेगा. साथ ही शत्तरे का निर्धारण भी करेगा.मेकन द्वारा ही मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) भी बनाना है. रिपोर्ट 12 दिनों में सौंपने का निर्देश दिया गया है.
6500 एकड़ में है पीटीपीएस
पीटीपीएस के पास पतरातू में कुल 6500 एकड़ जमीन है. यहां पर नलकारी डैम भी है, जिससे पावर प्लांट के लिए पानी लिया जाता है. पतरातू में 840 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट हैं. जिससे अभी 100 से 120 मेगावाट के करीब उत्पादन होता है. करीब 650 लोग यहां कार्यरत हैं. पतरातू में ही एक आवासीय कॉलोनी भी है. आवासीय कॉलोनी करीब 1600 एकड़ में है व प्लांट 277 एकड़ में है. मार्केट 292 एकड़ भूमि में है. वहीं 2770 एकड़ में नलकारी डैम है. यहां सौ एकड़ में एक छाई डैम भी बना हुआ है. जहां प्लांट के वेस्टेज को फेंका जाता है.
क्या है तेनुघाट की स्थिति
तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन ललपनिया में है, जिसे तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड(टीवीएनएल) द्वारा संचालित किया जाता है. पूर्वी भारत का यह सबसे बेहतर प्लांट माना जाता है. जो अपनी क्षमता से 85 फीसदी प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) पर चलता है. टीवीएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वी भारत में इतना अधिक पीएलएफ किसी प्लांट का नहीं है. टीवीएनएल की क्षमता 420 मेगावाट की है, जिससे औसतन 380 से 390 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. यहीं पर झारखंड-बिहार का सबसे बड़ा डैम तेनुघाट भी है, जिससे पावर प्लांट के लिए पानी आपूर्ति की जाती है. टीवीएनएल में इस समय कुल 673 अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं. टीवीएनएल के पास 1800 एकड़ भूमि है. जिसमें 608 एकड़ में पावर प्लांट है.
यहीं पर 1320 मेगावाट के एक और प्लांट लगाने का प्रस्ताव है. तेनुघाट प्रतिमाह 60 करोड़ की बिजली का उत्पादन करता है, जो जेएसइबी अब झारखंड बिजली वितरण निगम को बेचता है, पर जेएसइबी द्वारा इसके एवज में 30 से 40 करोड़ रुपये प्रतिमाह का ही भुगतान करता है. इस कारण बकाया बढ़ कर तीन हजार करोड़ तक जा पहुंचा है. अधिकारी इस बाबत परेशान हैं कि एनटीपीसी को देने पर इस राशि का कैसे समायोजन होगा.
4000 मेगावाट कालक्ष्य हो सकता है पूरा
बताया गया कि एनटीपीसी को एक बनी बनायी आधारभूत संरचना मिल जायेगी, जिससे तेजी से पावर प्लांट का निर्माण कार्य आरंभ होगा. मुख्यमंत्री ने अगले चार वर्ष में चार हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. दोनों स्थानों पर चार वर्ष में बड़े पावर प्लांट का निर्माण हो सकता है.
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