रांची: सोसाइटी ऑफ जीसस के पुनर्निर्माण के 200वें जुबली समारोह के समापन दिवस पर प्रोविंसियल फादर जोसफ मरियानुस कुजूर ने यीशु समाज के मठ, मनरेसा हाउस परिसर में फादर जॉन बैप्टिस्ट हॉफमैन (1857- 1928) की प्रतिमा का अनावरण किया गया.
इससे पूर्व दो दिवसीय जुबली समारोह के समापन पर संत जेवियर्स कॉलेज प्रार्थनालय में धन्यवादी मिस्सा चढ़ायी गयी. मौके पर फादर मरियानुस की अगुवाई में बिशप चाल्र्स सोरेंग, फादर जेवियर सोरेंग, फादर जेवियर लकड़ा, फादर एलेक्स तिर्की, फादर एलेक्स एक्का, फादर विनोद बिलुंग व अन्य शामिल थे.
परिचय : फादर हॉफमैन जर्मन यीशु समाजी पुरोहित ने छोटानागपुर में कई महत्वपूर्ण कार्य किये. उन्होंने मुंडारी व्याकरण ‘मुंडा ग्रामर’ की रचना की थी, इंसाइक्लोपीडिया मुंडारिका भी तैयार की, जो 15 खंडों में प्रकाशित हुई. उन्हें आदिवासियों को महाजनों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए छोटानागपुर कैथोलिक सहकारी उधार समिति की शुरुआत का श्रेय भी है.
वह चार दिसंबर 1877 को भारत आये और 1892 में इंटर्नशिप के लिए रांची पहुंचे थे. वर्ष 1892 में उनकी नियुक्ति बदगांव और 1895 में सरवदा में हुई थी. वहां फादर हॉफमैन ने जनजातीय खूंटकटी और भुइंहारी अधिकारों का पूर्ण अध्ययन किया और परांपरागत हक व विशेषाधिकारों के पुनरुद्धार के संघर्ष में आदिवासियों का साथ दिया़ छोटानागपुर की जनजातियों से संबंधित विधान के अनेक प्रावधान फादर हॉफमैन ने तैयार किया था. उन्होंने सरकारी पदाधिकारी एम लिस्टर के साथ एक विशेष वक्तव्य भी लिखा और सरकार को सीएनटी एक्ट बनाने के लिए तैयार किया था़.