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पत्थलगड़ी का विरोध करने पर पिटाई, सात को उठा ले गये जंगल, सभी तीन दिन से लापता, हत्या की आशंका
प सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव की घटना एसपी इंद्रजीत महथा बोले : उप मुखिया समेत सात की हत्या की सूचना है, करायी जा रही पुष्टि डीआइजी कोल्हान कुलदीप द्विवेदी भी देर रात पहुंचे सोनुआ पोड़ाहाट जंगल के बीचोबीच दुर्गम क्षेत्र में है पत्थलगड़ी प्रभावित बुरुगुलिकेरा गांव सोनुआ/चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले […]
प सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव की घटना
एसपी इंद्रजीत महथा बोले : उप मुखिया समेत सात की हत्या की सूचना है, करायी जा रही पुष्टि
डीआइजी कोल्हान कुलदीप द्विवेदी भी देर रात पहुंचे सोनुआ
पोड़ाहाट जंगल के बीचोबीच दुर्गम क्षेत्र में है पत्थलगड़ी प्रभावित बुरुगुलिकेरा गांव
सोनुआ/चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी का विरोध करनेवाले करीब सात ग्रामीण लापता हैं. पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा उनकी हत्या की आशंका जतायी जा रही है. इनमें उपमुखिया जेम्स बूढ़ भी शामिल हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी की हत्या की पुष्टि नहीं की गयी है. पुलिस को देर रात तक किसी का शव नहीं मिला है.
चाईबासा एसपी इंद्रजीत महथा ने कहा-‘उप मुखिया जेम्स बूढ़ समेेत कुछ ग्रामीणों की हत्या की सूचना है, मगर अभी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता. सूचना की पुष्टि करायी जा रही है. बुधवार की सुबह बुरुगुलीकेरा गांव के आस-पास के जगलों में सर्च अभियान के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो पायेगी. जो ग्रामीण लापता हैं और जिनकी हत्या की बात कही जा रही है, उनके परिजनों ने अभी तक पुलिस को लिखित शिकायत नहीं दी है.’
इधर, मंगलवार को पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा सात ग्रामीणों की हत्या की सूचना के बाद पुलिस महकमा हरकत में आ गया है. पुलिस को भी सात ग्रामीणों की हत्या करके उनकी लाश जंगल में फेंकेे जाने की सूचना मिली है, जब तक किसी का शव नहीं मिल जाता, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
उग्रवादियों का रहा है वर्चस्व, चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा है गांव
रविवार को हुई बैठक में हुआ था विवाद
जानकारी के मुताबिक, रविवार को पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में ग्रामीणों के दो गुटों के बीच विवाद हो गया. विवाद झड़प में बदल गया. लोग एक-दूसरे को मारने पर उतारू हो गये.
सूचना के मुताबिक, पत्थलगड़ी समर्थकों ने इसका विरोध करनेवाले उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों की पिटाई की. हिंसक माहौल को देखते हुए ग्रामीण वहां से भाग गये. बाद में पत्थलगड़ी समर्थकों ने उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को उठा लिया. सातों ग्रामीणों को पत्थलगड़ी समर्थक जंगल की ओर लेते गये. रविवार को रात तक उप मुखिया जेम्स बूढ़ समेत सातों ग्रामीणों के घर नहीं लौटने पर सोमवार को उनके परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे.
उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी, तभी मंगलवार दोपहर को पुलिस को उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों की हत्या कर उनका शव जंगल में फेंके जाने की सूचना मिली. इसके बाद पुलिस हरकत में आयी. देर रात तक पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंच पायी है. इस वजह से पुलिस कुछ भी स्पष्ट बताने में असमर्थता जता रही है. घटनास्थल सोनुवा थाना से करीब 35 किलोमीटर दूर है. घटनास्थल घने जंगल के बीच और नक्सल प्रभावित क्षेत्र है.
17 जनवरी को भी हुई थी मारपीट की घटना
जानकारी के अनुसार, बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा गांव में घूम-घूम कर कुछ दस्तावेज मांग कर जमा करने का काम पिछले 10-12 दिनों से चल रहा था. इसी दौरान बीते 17 जनवरी को भी पत्थलगड़ी विरोधियों और समर्थकों के बीच मारपीट की घटना हुई थी.
इस घटना में कई पत्थलगड़ी समर्थकों को चोटें आयी थी. बताया जा रहा है कि रविवार को पत्थलगड़ी समर्थक और विरोधियों के बीच फिर से हिंसक झड़प हुई, जिसमें पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा पत्थलगड़ी विरोधी सात ग्रामीणों की हत्या कर दी गयी.
पुलिस पदाधिकारी कर रहे इलाके में कैंप
बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी का विरोध करनेवाले सात ग्रामीणों के लापता होने और उनकी हत्या की आशंका की खबर मिलने के बाद डीआइजी कोल्हान कुलदीप द्विवेदी और चाईबासा एसपी इंद्रजीत महथा क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं. पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर आस-पास के जंगलों में सर्च अभियान चलाया. देर रात प्रभात खबर को दूरभाष पर चाईबासा एसपी इंद्रजीत महथा ने बताया कि पत्थलगड़ी के समर्थन में कुछ ग्रामीणों ने बैठक की थी, जिसका कुछ ग्रामीणों ने विरोध किया था. इसी को लेकर विवाद हुआ था.
अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र, सुबह का इंतजार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बुरुगुलीकेरा में उपमुखिया समेत सात ग्रामीणों के लापता होने और रविवार देर रात पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा उनकी हत्या कर सभी के शव को पास के जंगल में फेंके जाने की घटना की सूचना काफी देर से मिली. कारण घटनास्थल अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में है. घटनास्थल गंभीर रूप से उग्रवाद प्रभावित होने के कारण क्षेत्र में उग्रवादियों द्वारा लैंडमाइंस विस्फोट की आशंका के मद्देनजर पुलिस सतर्कता बरत रही है.
मंगलवार को गांव में सर्च अभियान चलाते हुए रात हो गयी. पूरी पुलिस टीम इलाके में कैंप की हुई है. रात हो जाने के कारण पुलिस को अभियान चलाने में दिक्कत हो रही है. सर्च अभियान को लेकर जिले के अन्य थानों से भी पुलिस बल मंगाये गये हैं. जिले के कई वरीय अधिकारी भी देर रात सोनुआ पहुंच चुके हैं. इसके लिए पुलिस को सुबह का इंतजार है.
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