रांची : नामकुम थाना क्षेत्र के तेतरी गांव निवासी मानव तस्करी की शिकार 24 वर्षीय युवती पिछले 13 वर्षों से दिल्ली में बंधक है. मामले में वरीय पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद युवती के पिता मुंशी मुंडा की शिकायत पर नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस की टीम जल्द ही युवती को बरामदगी के लिए दिल्ली जा सकती है. पिता ने कहा कि उनकी बेटी को सितंबर, 2006 में जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र निवासी एक महिला दाई का काम करने के लिए दिल्ली ले गयी थी. नवंबर 2007 में बेटी तीन-चार दिनों के लिए घर आयी. फिर दोबारा वह महिला उसे ठग कर दिल्ली ले गयी.
मुंशी मुंडा ने जब अपनी बेटी को वापस पाने के लिए उस महिला से संपर्क किया, तो वह उन्हें दिल्ली ले जाने के लिए तैयार हो गयी. एक दिन वह उस महिला के साथ दिल्ली बेटी से मिलने ट्रेन से गये. रास्ते में वह महिला भाग गयी. दिल्ली पहुंचे मुंशी मुंडा ने कई दिनों तक मजदूरी कर बेटी को ढूंढा. नहीं मिलने पर वह थक हार कर गांव लौट आये.
वर्ष 2018 में मुंशी मुंडा के घर एक अनजान व्यक्ति आया और एक मोबाइल नंबर दिया. जब मुंशी मुंडा ने मोबाइल नंबर पर फोन किया. तब उनकी बात अपनी बेटी से हुई. वह अपने पिता से कहने लगी मुझे यहां से घर ले जाइये. मैं फरीदाबाद में हूं. यहां पर बहुत सारे लड़के- लड़कियां हैं, जिनको रजिया नामक महिला ने बंधक बना कर रखा है. युवती को दिल्ली ले जानेवाली महिला से भी अब मुंशी मुंडा का संपर्क नहीं हो पा रहा है.
बेबस मुंशी मुंडा ने दिल्ली में बंधक बनी अपनी बेटी को वापस पाने के लिए आशा संस्था की पूनम टोप्पो और बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार से संपर्क किया. इसके बाद 16 जनवरी को मुंशी मुंडा वरीय पदािधकारियों के पास पहुंचे और आपबीती बतायी. इसके बाद अधिकारियों ने नामकुम थाना प्रभारी को मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया. जिसके बाद नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.