रांची : कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालयों की दसवीं कक्षा में पढ़ रहे करीब दो हजार विद्यार्थियों के लिए पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है. दसवीं बोर्ड से पहले परीक्षा की बेहतर तैयारी तथा विद्यार्थियों में प्रतियोगिता के मानस बनाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. राज्य के सभी पांच प्रमंडलों के कुल 69 आवासीय विद्यालयों की दसवीं कक्षा में अध्ययनरत 1919 बच्चे प्री-बोर्ड परीक्षा में हिस्सा ले रहे हैं.
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कल्याण विद्यालयों में पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा
रांची : कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालयों की दसवीं कक्षा में पढ़ रहे करीब दो हजार विद्यार्थियों के लिए पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है. दसवीं बोर्ड से पहले परीक्षा की बेहतर तैयारी तथा विद्यार्थियों में प्रतियोगिता के मानस बनाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. राज्य के सभी पांच […]
परीक्षा 16 जनवरी से शुरू हो गयी है, यह दो फरवरी तक चलेगी. इस दौरान हिंदी, विज्ञान, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत व सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी. वहीं, पांच फरवरी को किसी अन्य विषय की परीक्षा के लिए निश्चित है. संबंधित विद्यालयों के सभी विषय के शिक्षकों से कहा गया है कि वह इस दिन विशेष प्रकार के सवाल तैयार कर बच्चों की परीक्षा ले सकते हैं.
प्रवेश परीक्षा में सवा लाख बच्चे का लक्ष्य : वहीं, विभाग अपने अावासीय विद्यालयों की छठी, सातवीं व अाठवीं कक्षा में नामांकन की तैयारी कर रहा है. सत्र 2020-2021 में इन विद्यालयों की छठी कक्षा की 1393, सातवीं की 1216 तथा अाठवीं कक्षा की 331 रिक्त सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा होगी. इन कक्षाअों के लिए आठ मार्च को होनेवाली प्रवेश परीक्षा में करीब सवा लाख बच्चों को शामिल करने का लक्ष्य है.
गौरतलब है कि गत दो वर्षों से कल्याण विद्यालयों में नामांकन के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. वर्ष 2018 में 24 हजार तथा 2019 में 54 हजार विद्यार्थी इसमें शामिल हुए थे. प्रवेश परीक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने से विद्यालयों को ज्यादा मेधावी विद्यार्थी मिल रहे हैं.
रिजल्ट से पहले 11वीं में नामांकन
कल्याण विभाग ने फैसला किया है कि कोर्स पूरा करने तथा बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी रखने के लिए दसवीं बोर्ड की परीक्षा के तत्काल बाद ही विभाग के प्लस-टू स्कूलों की 11वीं कक्षा में नामांकन ले लिया जायेगा. अंतिम नामांकन निर्धारित सीट के विरुद्ध ही होगा.
सीट के अतिरिक्त बच्चों को पहले की तरह अन्य विद्यालयों या इंटर कॉलेज में नामांकन लेना होगा. सूत्रों के अनुसार, मैट्रिक परीक्षा में सफलता की प्रत्याशा में यह नामांकन होगा. यानी यदि कोई बच्चा फेल कर जाता है, तो उसका नामांकन रद्द हो जायेगा.
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