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विजिलेंस की रिपोर्ट पर रिम्स प्रबंधन ने तीन डॉक्टरों से मांगा स्पष्टीकरण

रांची : स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित विजिलेंस टीम की रिपोर्ट के आधार पर रिम्स के तीन डॉक्टरों से प्रबंधन ने स्पष्टीकरण मांगा है. प्रबंधन ने मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ जेके मित्रा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश कुमार व न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार से निजी प्रैक्टिस करने के आरोप पर अपना पक्ष रखनेे को कहा […]

रांची : स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित विजिलेंस टीम की रिपोर्ट के आधार पर रिम्स के तीन डॉक्टरों से प्रबंधन ने स्पष्टीकरण मांगा है. प्रबंधन ने मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ जेके मित्रा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश कुमार व न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार से निजी प्रैक्टिस करने के आरोप पर अपना पक्ष रखनेे को कहा है. प्रबंधन ने एक सप्ताह के भीतर डॉक्टरों को अपना पक्ष रखने को कहा है. तीनों डॉक्टरों को डाक के माध्यम से स्पष्टीकरण का पत्र जारी कर दिया गया है.

सूत्रों की मानें तो विजिलेंस की जांच टीम को मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ जेके मित्रा के क्लिनिक पर मरीज को देखने संबंधी कुछ प्रमाण मिले हैं. वहीं डॉ अनिल कुमार व डॉ प्रकाश कुमार के यहां कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है. हालांकि उनके यहां कुछ मरीजों द्वारा बताया गया है कि डॉक्टर साहब घर पर मरीज देखते हैं. उनके यहां कुछ सामान्य जांच भी की जाती है.
गौरतलब है कि निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगाने के लिए हाइकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को निर्देश दिया था. निदेशक द्वारा कोर्ट को यह बताया गया था कि उनके पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है कि निजी प्रैक्टिस करनेवालों की जांच कर कार्रवाई की जा सके. इसके बाद हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को विजिलेंस टीम गठित करने का आदेश दिया था.
स्वास्थ्य विभाग ने विजिलेंस टीम की रिपोर्ट के आधार पर तीन डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस की जानकारी उपलब्ध करायी है. तीनों डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनका जवाब मिलने पर उसे स्वास्थ्य विभाग को भेजा जायेगा.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स
डॉ पूनम ने वीआरएस के लिए दिया आवेदन
रांची. रिम्स में डॉक्टरों के वीआरएस का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को फिजियोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह ने भी वीआरएस का आवेदन दिया है. जानकारी के अनुसार अभी तक चार डॉक्टरों ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है.
रिम्स की नियुक्ति में ट्राइबल आरक्षण कम करने का विरोध
रांची. ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन व जेएमएम का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह से मिला. सदस्यों ने रिम्स की नियुक्ति में ट्राइबल आरक्षण कम किये जाने पर विरोध किया.
सदस्यों ने निदेशक को बताया कि दो दिन पहले ओटी असिस्टेंट का साक्षात्कार लिया गया था, जिसमें पांच एसटी का पद था, लेकिन नियम के विरुद्ध सिर्फ एक अभ्यर्थी को बुलाया गया. निदेशक से इस पर रोक लगाने की मांग की गयी.जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने कहा कि यह गंभीर मामला है. सरकार इस मामले में जांच करा कर दोषियों पर उचित कार्रवाई करे.
निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि एसटी कमिशन को जवाब दे दिया गया था. कार्मिक के पास मामला भेजा गया है. वहां से जो निर्देश आयेगा, उसके हिसाब से नियुक्ति नियमावली में परिवर्तन किया जायेगा. मौके पर ट्राइबल एसोसिएशन के सचिव डॉ निशिथ एक्का,अमित कच्छप, डॉ बिरुआ, डॉ लियो, डॉ सनी सोरेन, प्रकाश कुजूर, मंजू डुंगडुंग आदि शामिल थे.
पारा मेडिकल का काम करने वाले गार्ड की पहचान की गयी
रांची : रिम्स में शिशु विभाग की पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड द्वारा पारा मेडिकल का काम करने के मामले को रिम्स प्रबंधन से गंभीरता से लिया है. रिम्स निदेशक के आदेश पर पीआइसीयू में तैनात गार्ड व ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर की पहचान कर ली गयी है. शुक्रवार को निजी सुरक्षा एजेंसी केे सुपरवाइजर को बुलाकर इस संबंध में पूछताछ की गयी.
वहीं जूनियर डॉक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया गया है, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. ऐसे में शनिवार को दोनों से संपर्क किया जायेगा. गौरतलब है कि गुरुवार को प्रभात खबर में पीआइसीयू में गार्ड द्वारा पारा मेडिकल का करने संबंधी खबर छपी थी.
इधर, रिम्स प्रबंधन शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष से इस बात की जानकारी लेगा कि स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू), पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) व नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) में ड्यूटी का रोस्टर क्या है. रोस्टर के अनुरूप सीनियर व जूनियर रेजिडेंट काम करते हैं या नहीं. मरीजाें की देखभाल नर्सों द्वारा सही से की जाती है या नहीं. विभाग से सूचना मिलने के बाद प्रबंधन द्वारा निर्देश जारी किया जायेगा.
रिम्स़ शिशु विभाग की पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट का मामला
ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर भी चिह्नित
पीआइसीयू में पारा मेडिकल का काम करने वाले गार्ड की पहचान कर ली गयी है. वहीं ड्यूटी पर तैनात जूनियर रेजिडेंट को भी चिह्नित कर लिया गया है. एजेंसी को उस गार्ड को वहां से हटाने का निर्देश दिया गया है. जूनियर रेजिडेंट से पक्ष लिया जायेगा. इसके बाद आगे बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स

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