रांची : झारखंड की नयी सरकार के गठन के 7वें दिन मंत्रालय पाने वाले कांग्रेस नेता आलमगीर आलम पहले मंत्री बन गये. उन्हें संसदीय कार्य विभाग का मंत्री बनाया गया है. इसकी अधिसूचना 3 जनवरी को ही जारी कर दी गयी. संसदीय कार्य विभाग के अलावा सारे मंत्रालय फिलहाल मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के पास ही हैं.
उधर, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार (6 जनवरी, 2010) को शाम सात बजे अपने कांके रोड स्थित आवास पर गठबंधन के सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक बुलायी है. झामुमो के केंद्रीय समिति के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी.
झामुमो की विज्ञप्ति में हालांकि यह जानकारी नहीं दी गयी है कि बैठक किस मुद्दे पर होगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि विधायकों की बैठक में मंत्रियों के विभाग भी तय हो सकते हैं. बैठक में आगामी विधानसभा के विशेष सत्र की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो की अगुवाई वाले गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है. कांग्रेस और राजद के सहयोग से झामुमो ने 47 सीटें जीती हैं, जबकि बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है. इस तरह हेमंत सोरेन की सरकार को 50 विधायकों का समर्थन हासिल है.
हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर, 2019 को 3 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. हेमंत के साथ कांग्रेस के दो नेताओं आलमगीर आलम और डॉ रामेश्वर उरांव के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी. इनमें से किसी भी मंत्री को अब तक उनका विभाग नहीं मिला है. आलम पहले मंत्री हैं, जिन्हें उनका विभाग आवंटित कर दिया गया है.