14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : जन औषधि केंद्रों के लिए तय नहीं हो रही है एजेंसी

दो-दो बार पत्र लिख चुके हैं स्वास्थ्य सचिव रांची : राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में जन औषधि केंद्र खोला जाना है. मेडिकल कॉलेजों तथा जिला अस्पतालों में पहले खुल चुके जन औषधि केंद्रों सहित राज्य भर के कुल 250 सीएचसी व पीएचसी में […]

दो-दो बार पत्र लिख चुके हैं स्वास्थ्य सचिव
रांची : राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में जन औषधि केंद्र खोला जाना है. मेडिकल कॉलेजों तथा जिला अस्पतालों में पहले खुल चुके जन औषधि केंद्रों सहित राज्य भर के कुल 250 सीएचसी व पीएचसी में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए एजेंसियों का चयन किया जाना है.
पर यह काम अभी नहीं हो रहा है. कुछ जिलों ने एजेंसी चयन करने के लिए निविदा निकाली थी, पर विधानसभा चुनाव के दौरान तथा अब तक यह काम पूरी तरह ठप है. हालांकि निविदा निकालने का काम भी अब तक सभी जिलों में नहीं हुआ है. दरअसल जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में पहले खुल चुके जन औषधि केंद्र भी संचालन के लिए नये लोगों को दिये जायेंगे. अभी इनकी हालत ठीक नहीं है.
स्वास्थ्य सचिव की ओर से इस संबंध में उपायुक्तों को इस वर्ष 25 जनवरी को लिखे गये पत्र के बाद अब तक किसी जिले में न तो किसी एजेंसी का चयन हुआ और न ही जन औषधि की कोई दुकान ही खुली. इधर स्वास्थ्य सचिव ने नौ अक्तूबर को उपायुक्तों को फिर से पत्र लिख कर एजेंसी के चयन संबंधी अद्यतन रिपोर्ट मांगी थी.
क्या हो रहा है नुकसान : जेनेरिक व सस्ती दवा की दुकान नहीं खुल पाने से मरीजों के लिए खुले बाजार से महंगी दवाइयां खरीदना मजबूरी है. जन औषधि केंद्रों पर जरूरी दवाओं की सूची में शामिल सभी दवा खुले बाजार की ब्रांडेड दवा की तुलना में करीब एक चौथाई कीमत पर मिलती हैं. सीएचसी व पीएचसी में भी यह जन औषधि केंद्र खुलने पर लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
जिला स्वास्थ्य समिति की है जिम्मेवारी
भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत औषधि केंद्र खोले जाने हैं. इनके संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग, ब्यूरो अॉफ फार्मा पीएसयूज अॉफ इंडिया (बीपीपीआइ) के बीच एमओयू हुआ है.
जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए उपरोक्त दोनों पक्षों के जिला प्राधिकारी (अधीक्षक मेडिकल कॉलेज, सिविल सर्जन या चिकित्सा प्रभारी (सीएचसी व पीएचसी) के साथ त्रिपक्षीय समझौता होना है. वहीं इस परियोजना के संचालन की जिम्मेवारी उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्वास्थ्य समिति की होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें