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रांची :मध्याह्न भोजन राशि की अधिक निकासी कर किया जा रहा गबन
रांची : मध्याह्न भोजन (मिड डे मील या एमडीएम) योजना के लिए विद्यालयों को दी जाने वाली राशि का उपयोग प्रावधान के अनुरूप नहीं हो रहा है. राशि की निकासी व खर्च मापदंड के अनुरूप नहीं हो रहे हैं. इसका खुलासा झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा कराये गये सामाजिक व वित्तीय अंकेक्षण में हुआ […]
रांची : मध्याह्न भोजन (मिड डे मील या एमडीएम) योजना के लिए विद्यालयों को दी जाने वाली राशि का उपयोग प्रावधान के अनुरूप नहीं हो रहा है. राशि की निकासी व खर्च मापदंड के अनुरूप नहीं हो रहे हैं. इसका खुलासा झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा कराये गये सामाजिक व वित्तीय अंकेक्षण में हुआ है.
प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2019-20 में राज्य के पांच हजार विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का सामाजिक अंकेक्षण कराया गया था. अंकेक्षण में सामने आयी बातों के आधार पर प्राधिकरण के निदेशक आदित्य रंजन ने सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है अंकेक्षण के क्रम में प्रथम दृष्ट्या आवश्यकता से अधिक राशि की निकासी कर इसका दुरुपयोग/गबन का मामला प्रकाश में आया है. पाकुड़ के तीन स्कूलों में गबन का मामला सामने आया है.
राशि की अधिक निकासी को सरस्वती वाहिनी संचालन समिति द्वारा नकद रूप में दिखाया जाता है. नियमित रूप से अंकेक्षण नहीं होने पर उक्त राशि का दुरुपयोग/गबन होने की संभावना रहती है.
अंकेक्षण के क्रम में यह भी पाया गया है कि राशि की एकमुश्त निकासी कर ली जाती है एवं राशि को समिति के अध्यक्ष/ संयोजिका के पास रखा जाता है, जिससे सरकार को ब्याज के राजस्व की क्षति होती है. अंकेक्षण में सामने आया है कि योजना संचालन से संबंधित बैंक खाता अध्यक्ष या संयोजिका अपने घर पर रखती है. ऐसे में राशि की अवैध निकासी की संभावना अौर बढ़ जाती है.
पाकुड़ में राशि गबन पर हुई है कार्रवाई
पाकुड़ के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सीतापहाड़ में 823404, मध्य विद्यालय जामूगड़िया में 2310774 व उत्क्रमित मध्य विद्यालय पूसरभिट्ठा में 1334000 रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया था. इस मामले में कार्रवाई की गयी है.
पत्र में कहा है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक निदेशालय द्वारा पूर्व में जारी पत्र का हवाला देते हुए यह कहते हैं कि मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित कोई जिम्मेदारी उनकी नहीं है. ऐसा नहीं है मध्याह्न भोजन योजना के आय-व्यय का लेखा संधारण की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की है. प्रधानाध्यापक विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव होते हैं, ऐसे में प्रधानाध्यापक अपनी जिम्मेदारी से विमुख नहीं हो सकते हैं.
चेक से राशि भुगतान का निर्देश : प्राधिकरण द्वारा मध्याह्न भोजन योजना की राशि के खर्च को लेकर दिशा-निर्देश दिये गये हैं. वित्त विभाग के निर्देश के अनुरूप पांच हजार से अधिक की राशि नकद खर्च नहीं की जायेगी.
राशि चेक के माध्यम से संबंधित आपूर्तिकर्ता के बैंक खाता में दी जायेगी. राशि की नकद निकासी का समायोजन 30 दिन के अंदर किया जायेगा एवं इसका समायोजन रोकड़ पंजी में किया जायेगा. राशि की निकासी लंबे समय के लिए नहीं की जायेगी. सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि राशि की निकासी आवश्यकता अनुसार साप्ताहिक या 15 दिन में करें. दैनिक आवश्यकता के सामान के क्रय में शिक्षक की कोई भूमिका नहीं होगी.
योजना से संबंधित बैंक खाता विद्यालय में रखा जायेगा. योजना से संबंधित कागजात को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी. योजना से संबंधित कोई भी कागजात अध्यक्ष व संयोजिका अपने घर पर नहीं रखेंगी. निजी आवास पर कागजात रखने पर समिति को भंग कर दिया जायेगा.
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