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प्रभात खबर से खास बातचीत में बोले हेमंत सोरेन- राजनीतिक षडयंत्रकारी नहीं आंदोलनकारी हैं हम

झामुमो नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यूपीए विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला कर रहा है. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन पूरे दमखम से चुनावी मैदान में है. भाजपा हमलावर है, तो झामुमो भी पलटवार करने से नहीं चूक रहा़ मुख्यमंत्री रघुवर दास की नाकामियां गिना रहा है़ हेमंत आश्वस्त हैं कि विधानसभा चुनाव […]

झामुमो नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यूपीए विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला कर रहा है. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन पूरे दमखम से चुनावी मैदान में है. भाजपा हमलावर है, तो झामुमो भी पलटवार करने से नहीं चूक रहा़ मुख्यमंत्री रघुवर दास की नाकामियां गिना रहा है़ हेमंत आश्वस्त हैं कि विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में बना गठबंधन भाजपा को शिकस्त देगा. गठबंधन से झाविमो के बाहर होने को लेकर झामुमो बहुत चिंतित नहीं है. वर्तमान राजनीतिक हालात व चुनावी रणनीति पर प्रभात खबर के वरीय स्थानीय संपादक संजय मिश्र व ब्यूरो प्रमुख आनंद मोहन ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से बातचीत की….

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि वे कहते हैं कि 67 वर्षों तक काम नहीं हुआ़ खुद नहीं कर सकते, तो दूसरों पर आरोप लगाते है़ं कितने दिनों तक कहते रहेंगे, उसने काम नहीं किया़ ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ़ आप क्या कर रहे हैं, ये बताइये़ जनता ने आपको मौका दिया है, अब जवाबदेही तो आपकी ही है़ ये लोग लंबे समय तक देश को मूर्ख नहीं बना सकते है़ं एक अरब से ज्यादा की आबादी है, बात पहुंचने में देर तो लगती है़ लेकिन समय आने दीजिए, जनता सबक सिखायेगी़ झामुमो नेता कहते हैं : ये क्या करेंगे़ दिल्ली में बैठे आकाओं के लठैत है़ं रघुवर दास मुख्यमंत्री नहीं, फोटो-कॉपी मशीन है़ं कोई सोच, कोई विजन नहीं है़ रात में भी इनको सपने में शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन नजर आता है.
-अगले पांच वर्षों का क्या एजेंडा है. आप सरकार में आये, तो क्या कार्य योजना होगी?
राज्य के विकास के लिए हमने कई महत्वाकांक्षी योजना बनायी हैं. पूर्व में हमारी सरकार ने कई बेहतर योजनाएं चलायी थीं, जिसे राजनीतिक दुर्भावना और द्वेष में भाजपा ने बंद कर दी. भाजपा की सोच संकीर्ण है़ धोती-साड़ी योजना बंद कर दिया़ दाल-भात योजना, महिलाओं के 50 प्रतिशत का आरक्षण, यह सब काम रोक दिया गया़ हम सरकार में आते हैं, तो इसको चालू करेंगे़ स्थानीय नीति में संशोधन होगा़ सरकार की यह नीति आदिवासी-मूलवासी विरोधी है, इसे तत्काल बदलेंगे़ राज्य सरकार की बहाली में बाहर के राज्यों से उम्मीदवार लिये जा रहे है़ं सरकार की नाकामी के कारण झारखंड लोक सेवा आयोग पांच वर्ष में एक भी परीक्षा नहीं ले सका. जेपीएससी-एसएससी के माध्यम से साल में तीन-चार बार परीक्षाएं होंगी़ं छात्रों की उम्र चली गयी, परीक्षा नहीं दे सके़ हमारे राज्य के बच्चे बीडीओ-सीओ नहीं बन पाये़ कोई भी परीक्षा हो, उसका शुल्क 100 रुपये से ज्यादा नहीं होगा़ राज्य में नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देंगे़ स्नातक पास को पांच हजार और स्नातकाेत्तर को सात हजार रुपये दिये जायेंगे़ राज्य के हर गरीब परिवार के घर साल भर में किसी ना किसी माध्यम से 72 हजार रुपये पहुंचेगा़ कन्यादान योजना में गरीब लड़कियों को सरकार की ओर से पांच ग्राम सोना दिया जायेगा़ विधवा पेंशन योजना को बेहतर बनायेंगे़ इसमें विधवा पर आश्रित बच्चों के हिसाब से पेंशन दी जायेगी.
-पांच वर्षों से आप कह रहे हैं कि सरकार ने आदिवासी-मूलवासी के लिए कुछ नहीं किया़ आपके इस आरोप का आधार क्या है?
हम नहीं, लोग कह रहे है़ं शिक्षक बहाली में 70 फीसदी लाेग बाहर के राज्य से आ गये़ यह हमारी नहीं, जनता की आवाज है. 21 लाख एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली़ राजधानी में 500 करोड़ की जमीन-संपत्ति निजी कंपनी को 25 करोड़ में दे रहे है़ं गांव में कॉलेज खोलने के लिए जमीन नहीं है, लेकिन कंपनियों को जमीन दे रहे हैं. इंजीनियर के घर से करोड़ों रुपये पकड़ाये, किसका पैसा था. मंडल डैम के टेंडर में 100 करोड़ से ज्यादा का खेल हुआ. इससे तो भाजपा की एक नेत्री भी जुड़ी है़ कंबल घोटाले का क्या हुआ़ डबल इंजन की सरकार पांच वर्ष में रांची-टाटा सड़क नहीं बना सकी़ मुख्यमंत्री उदघाटन कर घर भी नहीं लौटते हैं, उधर चूहा डैम कुतर दे रहा है़ मेडिकल कॉलेज अभी बना नहीं है, श्मशान घाट की तरह है, लेकिन उदघाटन हो गया़ आज तक कितने डॉक्टर निकले? यह बेदाग नहीं, बदबूदार सरकार है. बदबू ज्यादा दिनों तक नहीं छुप सकती.
-भाजपा का आरोप है कि आपने सबसे ज्यादा सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन किया. आप आदिवासी विरोधी है़ं कानून तोड़े हैं?
ये लोग थक गये हैं. हम खातियानधारी लोग हैं. राज्य में खुंटकटी व्यवस्था है. हम खुद मालिक हैं. ये बतायें कि किसकी जमीन पर खड़े हैं. मेरे मामले में जांच के लिए एसआइटी बनाया था़ उस पर श्वेत पत्र जारी क्यों नहीं करते है़ं हेमंत सोरेन बेदाग निकलेगा, इनके व्यापारी मित्र फंसेंगे इसलिए रिपोर्ट जारी नहीं करते है़ं हमने कानून तोड़ा है, अपराधी हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं.
-भाजपा कहती है आपको भी मौका मिला, स्थानीय नीति नहीं बना पाये?
स्थानीय नीति पर बहुत आगे तक बढ़ गया था़ उस पर काम चल ही रहा था़ मुझे पर्याप्त समय नहीं मिला़
-सत्ता में लौटने का कितना भरोसा है. भाजपा की घेराबंदी साफ दिखती है?
हम राजनीतिक षडंयत्रकारी नहीं है़ं आंदोलनकारी है़ं झारखंड के योद्धा हैं. हम कोई 65,70 पार की बात नहीं करते है. जीत और हार तो लगी रहती है़ झारखंड के लोगों का भरोसा-विश्वास साथ हैं.
-बाबूलाल मरांडी आपके साथ नहीं आये. शायद इसकी वजह आप हैं?
इसका उत्तर तो वही देंगे, क्यों नहीं आये़ हमने तो पहल की थी़ हमने सबलोगों से लिखित में मांगा था कि उनकी अपेक्षाएं क्या हैं. माइनस जेवीएम सबने दिया़ उनकी इच्छा नहीं रही होगी.
-लोकसभा में तो साथ थे, शायद विधानसभा चुनाव में आपका नेतृत्व उनको भारी पड़ा?
मैं कैसे बता सकता हूं. मेरी इच्छा तो थी कि सब लोग साथ रहे़ं बाबूलाल मरांडी अनुभवी नेता हैं, सोच-समझ कर निर्णय लिया होगा.
-जमशेदपुर पूर्वी में सरयू राय को नैतिक समर्थन की बात कही थी. आप प्रचार में जायेंगे?
हां, हमने कहा था कि सरयू राय को नैतिक समर्थन देना चाहिए. हमारे गठबंधन के साथी ने वहां उम्मीदवार उतार दिया है. कांग्रेस का उम्मीदवार वहां है, तो हम गठबंधन के साथ ही है़ं भाजपा की राजनीतिक निर्लज्जता देखिए, सरकार में आजसू है, लेकिन चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं. बिहार में जदयू के साथ है, केंद्र में लोजपा है. लेकिन यहां अलग-अलग है.
-आप पर आरोप है कि विकास विरोधी है. आदिवासी इलाके में विकास नहीं होने देना चाहते, उनका हक मार रहे हैं?
आरोप लगाने वाले संकीर्ण सोच रखते है़ं इसी विचारधारा-दायरे तक ये लोग सीमित है. खुद भ्रष्टाचार और लूट में आकंठ डूबे है. दुनिया देख रही है होटल से खाना मंगा कर दलित के घर भोजन करने का नाटक करते है. राज्य को इन्होंने सबसे ज्यादा दिनों तक चलाया़ अब कह रहे हैं कि 14 वर्षों में विकास नहीं हुआ़ ये किसको कह रहे हैं, कौन रहा 14 वर्षों तक. इनके ही मंत्री-विधायक कह रहे हैं कि इस सरकार से हेमंत सरकार अच्छी थी़ जिसने सरकार का विरोध किया, टिकट काट दिया़ भ्रष्टाचारी-यौन शोषण के आरोपी को टिकट देते है़ं ये लोग तो मंच पर सांड खड़ा कर गो-माता बोलते हैं.
-भाजपा बार-बार कहती है 68 वर्षों में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया़ झारखंड में आप उसी कांग्रेस के साथ है़ं गठबंधन से कितना फायदा देखते हैं?
सब काम 2014 के बाद ही हुआ. हम चांद पर भी अभी गये़ खुद नहीं कर सकते, तो दूसरों पर आरोप लगाते है़ं कितने दिनों तक कहते रहेंगे, उसने काम नहीं किया़ ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ़ आप क्या कर रहे हैं, ये बताइये़ जनता ने आपको मौका दिया है, अब जवाबदेही तो आपकी है़ कांग्रेस के समय बेरोजगारी की हालत यही थी. देश के किसानों की हालत यही थी क्या़ लंबे समय तक देश को मूर्ख नहीं बना सकते है़ं एक अरब की आबादी है, बात पहुंचने में देर तो लगती है़ लेकिन समय आने दीजिए, जनता सबक सिखायेगी़ शिलापट्ट लग गये है.

-सरकार ने कुछ तो अच्छा किया होगा, रघुवर सरकार के पांच अच्छे काम तो बता ही सकते हैं, वो क्या हैं?
ये क्या करेंगे. दिल्ली में बैठे आकाओं के लठैत है़ं रघुवर दास मुख्यमंत्री नहीं, फोटो-कॉपी मशीन है़ं कोई सोच, कोई विजन नहीं है़ रात में भी इनको सपना में शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन नजर आता है.
-आप पर आरोप है कि झामुमो को प्राइवेट लिमिटेड की तरह चलाते है़ं भाजपा कहती है यहां परिवारवाद है?
भाजपा क्या है. इसको कौन लोग चलाते है़ं किससे छिपा है़ झारखंड मुक्ति मोर्चा आंदोलनकारी पार्टी है़ ये लोग ऐसे लोगों को लाते हैं, जो कठपुतली हों.
-संतालपरगना की सीटों की घोषणा अब तक नहीं हुई?आपने अपनी सीट की घोषणा नहीं की, भाजपा कहती है कि डरे हुए हैं?
सब कुछ फेज वाइज कर रहे हैं. इंतजार कीजिए, कौन डरा हुआ है, समय बतायेगा.
-मीडिया से राजनीति दलों की बड़ी शिकायत है़ आपकी क्या शिकायत है?
मैं ठेठ आदमी हू़ं घुमा-फिरा कर बात नहीं करता हू़ं राजनीति व्यापार का शक्ल ले रही है़ भाजपा वन नेशन, वन इलेक्शन की बात करती है़ इनका चुनावी बजट 27 सौ करोड़ का होता है़ दो हजार करोड़ ये आॅफिस बनाने के लिए रखते है़ं मीडिया के मूल्यांकन से शिकायत है़ मीडिया अप-डाउन करते रहती है़ एक पक्ष की नकारात्मक चीजों को ज्यादा दिखाया जाता है़
भाजपा तो कहती है, उनके यहां चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री, मजदूर मुख्यमंत्री बनता है़ आपके यहां वंशवाद चलता है?
ये कुंठित मानसिकता के लोग है़ं सत्ता जब आदिवासी के पास आती है, तो इनको तकलीफ होती है़ संकीर्ण नजरिया है़ जब समाज के नीचे तबके के लोग गोलबंद होते हैं, इनके गिरेबां तक उनके हाथ पहुंचते हैं, तो इनको परेशानी होती है़ ये चाहते हैं कि जूता पॉलिस करने वाला वही करता रहे़ कमजोर वर्ग कैसे आगे बढ़ रहा है, इनको पच नहीं रहा है़ आदिवासी अपने खपड़ा के घर पर एस्बेस्टस चढ़ा ले, तो इनको दिक्कत है, सांप लोटने लगता है़ खुद ये महल बना रहे है़ं रघुवर जनता के दास नहीं, नाश है़ं
हेमंत सोरेन ने बताया एजेंडा
1. स्थानीय नीति मूलवासियों का हक मार रहा, गड़बड़ी है, इसे तुरंत बदलेंगे
2. वन अधिकार कानून चुनावी हवा के कारण रद्द किया गया़ इसे फिर से लागू नहीं होने देंगे़
3. बेरोजगारी की काली साया खत्म करेंगे़ पांच लाख रोजगार का सृजन होगा़ पहले दो साल में दो लाख नौकरियां देंगे़
4. सरकार के कारण जेपीएससी-एसएससी की पांच वर्षों से परीक्षा नहीं हुई़ बीडीओ-सीओ, नहीं बन पाये़ हम साल में तीन से चार बार परीक्षा लेंगे.
5. नियुक्ति के नाम पर फॉर्म में करोड़ों की कमाई होती है़ राज्य स्तरीय परीक्षा में 100 रुपये में फार्म भरने की सुविधा देंगे़
6. गरीब छात्रों को नि:शुल्क फॉर्म भरने की व्यवस्था होगी़
7. निजी क्षेत्रों में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करेंगे़
8. जमीन की रसीद कटने में अड़चन दूर करेंगे़
9. बेरोजगारी भत्ता शुरू करेंगे़ स्नातक पास को पांच हजार, स्नातकोत्तर को सात हजार मिलेगा़
10. गरीबों को अनाज मिलने में डीबीटी की बाध्यता खत्म करेंगे़ इसे सुगम बनायेंगे़
11. जमीन अधिग्रहण करनेवालों ने पांच वर्षों में काम नहीं किया, तो जमीन रैयत को वापस होगी़
12. हो भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेंगे
13. आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पारा शिक्षक के लिए सेवा शर्त नियमावली बनेगी़
14. ग्रामीण इलाके से शहर पढ़ने और काम करने के लिए आने वाली बच्चियों के लिए छात्रावास बनेगा़ इसमें सारी बुनियादी सुविधाएं होंगी़
15. गांव में किसान बैंक बनेगा. इसमें महिलाओं के लिए विशेष सुविधा होगी़
16. धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 23 सौ से 27 सौ रुपये किया जायेगा़ सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होगा़ इसकी मार्केटिंग सरकार करेगी़ बिचौलिये नहीं रहेंगे़
17. सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था कायम करेंगे़
18. हर गरीब परिवार के घर साल भर में अलग-अलग माध्यम, योजनाओं से 72 हजार रुपये पहुंचेंगे.
19 .मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी तय किया जायेगा़
20. हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज बनेगा़
21. वन पट्टा का सरलीकरण करेंगे.
22. जेल में विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जायेगा़ इसमें कई पीड़ित आदिवासी युवक बंद है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

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