रांची/अनगड़ा : गेतलसूद डैम में 150 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बेल्जियम की कंपनी टेट्रावेल ने सर्वे शुरू कर दिया है. इस कंपनी को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया (सेकी) ने काम दिया है. सर्वे रिपोर्ट सेकी को सौंपी जायेगी. सर्वे में दो दर्जन से अधिक कर्मचारी लगे हैं. कंपनी के […]
रांची/अनगड़ा : गेतलसूद डैम में 150 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बेल्जियम की कंपनी टेट्रावेल ने सर्वे शुरू कर दिया है. इस कंपनी को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया (सेकी) ने काम दिया है. सर्वे रिपोर्ट सेकी को सौंपी जायेगी. सर्वे में दो दर्जन से अधिक कर्मचारी लगे हैं.
कंपनी के सुपरवाइजर महेंद्र सिंह ने बताया कि गेतलसूद डैम के बीच में पिलर लगाकर पैनल लगाया जायेगा, जो फ्लोटिंग होगा. यह पानी के लेबल से एक फीट ऊपर होगा. जैसे-जैसे पानी का लेबल बढ़ेगा, सोलर पैनल भी स्प्रिंग के जरिये ऊपर उठता जायेगा. इससे करीब 150 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी.
धुर्वा डैम में नहीं लगेगा प्लांट :बताया गया कि पूर्व में धुर्वा डैम में 50 मेगावाट और गेतलसूद डैम में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना सेकी द्वारा बनायी गयी थी. इसके लिए झारखंड बिजली निगम के साथ एमओयू भी हो चुका है, पर गर्मी के मौसम में धुर्वा डैम में पानी सूख जाने की स्थिति को देखते हुए अब योजना बदल दी गयी है. अब गेतलसूद डैम में ही 150 मेगावाट का प्लांट लगाये जायेगा.
प्लांट पर चार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा : टीम द्वारा डैम के पानी, गहराई, वातावरण, जलाशय के जीव-जंतु, हवाओं का रुख, आसपास की आबादी का अध्ययन किया जायेगा. एक मेगावाट के सोलर फ्लोटिंग प्लांट पर करीब चार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. दोनों प्लांट से उत्पादित सौर ऊर्जा करीब 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध होगी.
गेतलसूद डैम के 1.6 वर्ग किमी क्षेत्र का इस्तेमाल होगा, जो पानी के ऊपर होगा. इससे पानी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. गेलतलसूद डैम से सिकिदिरी ग्रिड को बिजली दी जायेगी.