रांची : कांग्रेस के पूर्व विधायक सावना लकड़ा के निधन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ रामेश्वर उरांव ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सावना लकड़ा ने जीवन भर कांग्रेस पार्टी के लिए ईमानदारी पूर्वक काम किया. इनके योगदान को कांग्रेस पार्टी कभी नहीं भूलेगी. सावना लकड़ा का निधन सिर्फ पार्टी ही नहीं, बल्कि राज्य के लिए भी अपूरणीय क्षति है.
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कांग्रेस भवन में आज सावना को दी जायेगी श्रद्धांजलि
रांची : कांग्रेस के पूर्व विधायक सावना लकड़ा के निधन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ रामेश्वर उरांव ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सावना लकड़ा ने जीवन भर कांग्रेस पार्टी के लिए ईमानदारी पूर्वक काम किया. इनके योगदान को कांग्रेस पार्टी कभी नहीं भूलेगी. सावना लकड़ा का निधन सिर्फ पार्टी ही नहीं, बल्कि […]
सावना लकड़ा जीवनोपरांत वंचितों एवं शोषितों के लिए लड़ाई लड़ते रहे. वर्ष 2000 और 2009 में कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे. प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि पूर्व विधायक सावना लकड़ा का पार्थिव शरीर मंगलवार को 11 बजे कांग्रेस भवन लाया जायेगा. यहां श्रद्धांजलि दी जायेगी. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव कव्वाली में दिन के चार बजे किया जायेगा.
इनके निधन पर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, पूर्व सांसद डाॅ प्रदीप कुमार बलमुचु, सांसद धीरज प्रसाद साहू, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, इरफान अंसारी, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डाॅ एम तौसिफ, आभा सिन्हा, डाॅ राजेश गुप्ता, अजय नाथ शाहदेव, बेलस तिर्की, अजय नाथ शाहदेव समेत कई नेताओं ने शोक जताया है.
25 साल के संघर्ष के बाद विधायक बने थे
रांची. पूर्व विधायक स्व सावना लकड़ा का राजनीतिक सफर 1975 में शुरू हुआ था. 25 साल के राजनीतिक संघर्ष के बाद पहली बार विधायक बने थे. वर्ष 2000 और 2009 में खिजरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे. उन्होंने अपना राजनीतिक सफर झारखंड पार्टी से शुरू किया था.
निधन की खबर सुन शोक में डूबे लोग
नामकुम. खिजरी विधानसभा के पूर्व विधायक सावना लकड़ा का सोमवार की शाम देहांत हो गया. उनके निधन की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गयी. जिसे भी सावना लकड़ा के नहीं रहने की खबर मिली शोक में डूब गये.
क्षेत्र के सभी जगहों पर उनकी ही चर्चा होती रही. सावना लकड़ा की पहचान खिजरी विधानसभा के पूर्व विधायक, दिग्गज कांग्रेसी नेता व आदिवासी समाज के बड़े चेहरे के तौर पर रही. आदिवासियों में सावना लकड़ा की अच्छी पैठ थी. वे आदिवासियों के हर सुख-दुख में शामिल होते थे.
क्षेत्र के गरीब आदिवासी उन्हें अपना मसीहा भी मानते थे. यही कारण था कि सावना लकड़ा को लोग बाबा (पिता) भी कहते थे. उनके निधन की सूचना मिलते ही उनकी पत्नी सीता लकड़ा सहित सभी परिजन अस्पताल के लिए रवाना हो गये. उनके घर में सन्नाटा पसरा है. मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव प्रखंड के कवाली में किया जायेगा. उससे पहले उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस प्रदेश कार्यालय ले जाया जायेगा.
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