रांची : कोकर दुर्गा पूजा पंडाल में मां दुर्गा का दर्शन बंद हो गया है. प्रशासन ने पंडाल की सीढ़ी को तकनीकी रूप से असुरक्षित माना है. बड़ागाई के अंचल अधिकारी और सदर थाना प्रभारी ने पूजा समिति को एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर 5 अक्टूबर 2019 को बड़ागाई के अंचल अधिकारी और राजभवन के भवन प्रशाखा अभियंता ने पंडाल का निरीक्षण किया.
इसमें आगे कहा गया है कि कनीय अभियंता ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि सीढ़ियों का स्लोप काफी ढालूनुमा है. रिपोर्ट में इसे तकनीकी रूप से असुरक्षित बताया गया है. अंचल अधिकारी ने रिपोर्ट के आधार पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का पूजा समिति को निर्देश दिया. चिट्ठी मिलने के बाद दुर्गा पूजा आयोजन समिति ने पंडाल की बत्तियां बुझा दी और दर्शन बंद हो गया. इसके बाद माइक पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गयी.
प्रशासन ने पूजा समिति को निर्देश दिया है कि आम जनों के पंडाल में प्रवेश के लिए सीढ़ीनुमा रास्ता की जगह वैकल्पिक रास्ता का उपयोग करना सुनिश्चित करें. ऐसा नहीं होने पर अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसकी सारी जिम्मेदारी पूजा समिति की होगी और विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद से पूजा पंडाल में दर्शन बंद है.
उल्लेखनीय है कि कोकर दुर्गा पूजा समिति की ओर से इस वर्ष केदारनाथ मंदिर का प्रारूप बनाया गया है. पंडाल की ऊंचाई 60 फुट और चौड़ाई 75 फुट है. पंडाल पहाड़ के रंग का है. पहाड़ से पानी गिरने का दृश्य लोगों को आकर्षित कर रहा था. पहाड़ के ऊपर शिवलिंग बना है.
शिवलिंग की ऊंचाई पांच फुट है. इस दौरान केदारनाथ त्रासदी का पांच मिनट का शो दिखाया जा रहा था. मां दुर्गा का दर्शन करने के लिए भक्तों को 40 फुट ऊंची सीढ़ी चढ़नी पड़ रही थी. पूरे आयोजन पर 40 लाख रुपये खर्च की बात आयोजन समिति ने कही है.