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जानें कैसे चार बच्चों ने 323 लोगों की आंखों की रोशनी लौटायी

विष्णु गिरि क्राउड फंडिंग से महज 14 दिनों में ही वेबसाइट के जरिये जुटाये 3.65 लाख सिल्ली : चार स्कूली छात्र (उम्र 13 से 15 वर्ष) ने क्राउड फंडिंग के जरिये 323 लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने में मदद की है. फ्यूलड्रीमडॉटकाम नामक वेबसाइट पर जाकर लोगों से मदद की अपील की और महज […]

विष्णु गिरि
क्राउड फंडिंग से महज 14 दिनों में ही वेबसाइट के जरिये जुटाये 3.65 लाख
सिल्ली : चार स्कूली छात्र (उम्र 13 से 15 वर्ष) ने क्राउड फंडिंग के जरिये 323 लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने में मदद की है. फ्यूलड्रीमडॉटकाम नामक वेबसाइट पर जाकर लोगों से मदद की अपील की और महज 14 दिनों में तीन लाख 65 हजार 642 रुपये जमा कर लिये. यह पैसे पुरूलिया रोटरी क्लब द्वारा संचालित आइ हॉस्पिटल को दिये गये. जिससे जरूरतमंद लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ और उनकी आंखें ठीक हो सकीं.
कौन हैं चारों छात्र : चारों छात्र कोलकाता के अलग-अलग स्कूलों से हैं. ला मार्टिंनर गर्ल्स स्कूल की छात्रा मानवी (नौवीं) और नाविका झावर (आठवीं), संत जेवियर स्कूल के रिभव झावर (12वीं) और मॉडर्न हाइस्कूल की खुशी अग्रवाल (नौवीं). जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने की नीयत के कारण चारों एक मंच पर साथ आये.
इन्होंने क्राउड फंडिंग के बारे में जानकारी इकट्ठा की और बेंगलुरु की एक संस्था से संपर्क किया, जो क्राउड फंडिंग का काम करती है. इसके बाद चारों ने संस्था की वेबसाइट फ्यूलड्रीमडॉटकाम पर जाकर एक पेज बनाया और जरूरतमंदों की आंखों के इलाज के लिए लोगों से अपील की. छात्रों की मुहिम को लोगों का भरपूर सहयोग मिला. महज 14 दिनों में ही तीन लाख 65 हजार 642 रुपये जमा हो गये. इसके बाद चारों बच्चों की इच्छा पर ही इन पैसों को फ्यूलड्रीमडॉटकाम नामक वेबसाइट ने पुरूलिया रोटरी क्लब द्वारा संचालित एक आइ हॉस्पिटल को दिया. इन पैसों से 323 मरीजों की आंखों की रोशनी वापस मिली है. एक ऑपरेशन पर 1100 रुपये खर्च आता है.
इस काम की प्रेरणा कहां से मिली : ऐसे में सवाल यह कि छोटी उम्र में ही दूसरों की भलाई करने के लिए इतना साहसिक प्रयास करने की प्रेरणा चारों बच्चों को कहां से मिली?
इस पर मानवी कहती है कि हमारा एक फैन ग्रुप है. जिसमें हम चारों के अलावा कई और स्टूडेंट हैं. हमारे पैरेंट‍्स व फैमिली मेंबर्स भी चैरिटी व सोशल वर्क से जुड़े हैं. उन्हें देख कर ही हमें यह ख्याल आया कि क्यों न हम भी कुछ ऐसा करें, जिससे जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके. इसी दौरान मुझे अपनी बुआ मनीषा डोगर से क्राउड फंडिंग पोर्टल फ्यूलड्रीमडाॅटकाम और रोटरी क्लब पुरूलिया द्वारा चलाये जा रहे दृष्टिदान अभियान की जानकारी मिली. इसके बाद दोस्तों के साथ मिल कर एक टीम बनायी और योजनाबद्ध तरीके से काम किया. बच्चों के अनुसार, उन्होंने अपने कैंपेन के जरिये लोगों से न्यूनतम 100 रुपये की मदद मांगी. क्षमता के मुताबिक लोगों ने पैसे दिये. सारे पैसे पोर्टल के जरिये ऑनलाइन ही रोटरी क्लब पुरूलिया को भुगतान किये गये.
इस्टर्न रीजन में कम समय में सबसे ज्यादा फंडिंग का रिकॉर्ड भी बनाया
फ्यूलड्रीमडॉटकॉम नामक वेबसाइट के मालिक रंगनाथन का कहना है कि चारों बच्चों के प्रयास को लोगाें ने भरपूर सहयोग दिया. 14 दिनों में ही बच्चों ने साढ़े तीन लाख से ज्यादा रुपये जमा कर लिये. इस्टर्न रीजन में कम समय में सबसे ज्यादा क्राउड फंडिंग का यह रिकॉर्ड भी है.
बच्चों को सम्मानित करेगा रोटरी क्लब
पुरूलिया रोटरी आइ हॉस्पिटल के चेयरमैन दिनेश मल ने कहा कि स्कूली बच्चों का यह प्रयास काफी उत्साहित करने वाला है. साथ ही अन्य बच्चों को भी समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करेगा. हमने सभी बच्चों को उनके बेहतर योगदान के लिए आभार पत्र भेज दिया है. सभी बच्चों को पुरूलिया अस्पताल में आमंत्रित किया गया है. उनके आने पर रोटरी क्लब की ओर से सम्मानित किया जायेगा.

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