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रांची : बिरसा कृषि विवि में वीसी, रजिस्ट्रार डीन और डायरेक्टर के पद प्रभार में
संजीव सिंह प्रभार व अनुबंध के सहारे चल रहा राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय विवि में कुल 465 पद स्वीकृत, 180 पद पर ही शिक्षक कार्यरत हैं, 285 पद वर्षों से रिक्त रांची : राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय वर्षों से प्रभार, अनुबंध व आइसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के कर्मियों के भरोसे चल रहा […]
संजीव सिंह
प्रभार व अनुबंध के सहारे चल रहा राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय
विवि में कुल 465 पद स्वीकृत, 180 पद पर ही शिक्षक कार्यरत हैं, 285 पद वर्षों से रिक्त
रांची : राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय वर्षों से प्रभार, अनुबंध व आइसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के कर्मियों के भरोसे चल रहा है. विवि में कुलपति सहित कैडर के महत्वपूर्ण पद प्रभार में हैं या फिर रिक्त हैं. कृषि महाविद्यालय कांके को छोड़ कर 10 महाविद्यालयों व मुख्यालय में 97 प्रतिशत से अधिक कैडर के पद रिक्त हैं. सिर्फ बीज व प्रक्षेत्र निदेशक के पद पर डॉ आरपी सिंह स्थायी हैं. स्थिति यह हो गयी है कि छह माह के अनुबंध पर नियुक्त कई शिक्षक कॉलेज को छोड़ कर दूसरी जगह नियमित सेवा में चले गये हैं.
विवि में कृषि महाविद्यालय, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, वानिकी महाविद्यालय सहित अन्य विंग में योजना व गैर योजना मद में कुल 465 पद स्वीकृत हैं, जबकि इसके विरुद्ध लगभग 180 पद पर ही शिक्षक (इनमें ज्यादातर प्रभार व अनुबंध पर) कार्यरत हैं. 285 पद वर्षों से रिक्त हैं. प्रत्येक वर्ष शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है.
प्रशासनिक अधिकारियों के कुल 29 स्वीकृत पद के विरुद्ध सिर्फ एक पद पर ही स्थायी नियुक्ति है, जबकि 28 पद रिक्त हैं या फिर प्रभार में हैं. एग्रीकल्चर में कुल 56 पदों में 29 खाली हैं. वहीं पशु चिकित्सा महाविद्यालय में कुल 124 पदों में 100 खाली हैं. विवि में पूर्व में खुले तीन कॉलेजों में भी पठन-पाठन किसी तरह चल रहा है. स्थायी शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इधर, विवि में खुले नये कॉलेज भी अनुबंध व प्रभार के भरोसे चल रहे हैं. हालांकि कॉलेजों के लिए शिक्षकों व कर्मचारियों के पद स्वीकृत कर दिये गये हैं. शिक्षकों के कुल 174 और कर्मचारियों के 300 पद स्वीकृत किये गये हैं.
विवि के कुलपति डॉ आरएस कुरील भी अनुबंध के आधार पर नियुक्त हैं. डॉ पी कौशल के हटने के लिए डॉ कुरील को कुलपति का प्रभार दिया गया है.
इसके अलावा नियंत्रक, सहायक निदेशक (प्रशासन), सहायक निदेशक (स्थापना), क्रय अधिकारी, अपर निदेशक (प्रसार), उप निदेशक (प्रसार प्रशिक्षण), सभी सहायक नियंत्रक (कृषि, वानिकी, वेटनरी, अनुसंधान, प्रसार, मुख्यालय, बजट पेंशन आदि) अनुबंध पर चल रहे हैं.
अनुसंधान निदेशक, प्रसार निदेशक, डीन पीजी, डीएसडब्ल्यू, रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार के पद भी प्रभार में हैं. विवि अंतर्गत सभी निदेशक, डीन, एसोसिएट डीन का प्रभार शिक्षक या वैज्ञानिक संभाल रहे हैं. विवि अंतर्गत 14 केवीके प्रमुख अौर तीन जेआरएस के सहायक निदेशक भी प्रभार में हैं. केवीके के 50 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं. सभी पुस्तकालयों में प्रशिक्षित पदाधिकारी व कर्मचारियों की कमी है.
2005 में कुछ पदों पर नियमित नियुक्ति हुई थी
विवि में 2005 में कुछ पदों पर नियमित नियुक्ति हुई थी. इसके बाद नियुक्ति का अधिकार झारखंड लोक सेवा आयोग को दे दिया गया. नियमित नियुक्ति के लिए आयोग के पास प्रस्ताव भी भेजा गया है, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है.
विवि में सभी संकायों के लगभग 40 विभाग ऐसे हैं, जिनमें विभागाध्यक्ष/अध्यक्ष के पद पर रोटेशन प्रणाली लागू नहीं है. विवि को पिछले तीन वर्षों से कोई भी नयी शोध परियोजना नहीं मिली है. कई वर्षों से शिक्षकों, वैज्ञानिकों व कर्मचारियों को प्रोन्नति नहीं मिली है.
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