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रांची : अधिक उपज वाली किस्मों का विकास जरूरी

दलहन विशेषज्ञों की 24वीं राष्ट्रीय समूह बैठक संपन्न, डॉ आरएस कुरील ने कहा रांची : बिरसा कृषि विवि व भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दलहन विशेषज्ञों की 24वीं राष्ट्रीय समूह बैठक गुरुवार को संपन्न हुई. इस मौके पर विवि के कुलपति डॉ आरएस कुरील ने कहा कि देश में पिछले […]

दलहन विशेषज्ञों की 24वीं राष्ट्रीय समूह बैठक संपन्न, डॉ आरएस कुरील ने कहा
रांची : बिरसा कृषि विवि व भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दलहन विशेषज्ञों की 24वीं राष्ट्रीय समूह बैठक गुरुवार को संपन्न हुई. इस मौके पर विवि के कुलपति डॉ आरएस कुरील ने कहा कि देश में पिछले 12 वर्षों में दलहन फसलों के रकबा एवं उत्पादन में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. दलहन के आयात में कमी आयी है. देश को दलहन आयातक की जगह निर्यातक बनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि बेहतर राष्ट्र निर्माण के लिए कृषि वैज्ञानिकों को कम अवधि में तैयार होने वाली तथा अधिक उपज देने वाली फसल की किस्मों का विकास करने की जरूरत है.
मौके पर इस वर्ष रिटायर हो रहे चना समूह के तीन वैज्ञानिक डॉ बीके झांगवाल, डॉ एलबी माशे और डॉ डीएम महालिंगा को कुलपति ने सम्मानित किया. कार्यक्रम में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आइपीआरआइ), कानपुर के राष्ट्रीय निदेशक डॉ एनपी सिंह ने कहा कि चना कार्य समूह की इस बैठक में विभिन्न केंद्रों द्वारा विभिन्न कृषि पारिस्थिकी के लिए चना की सात उन्नत किस्मों को चिह्नित किया गया.
बीएयू अनुसंधान निदेशक डॉ डीएन सिंह ने चना खेती की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस फसल को कृषि विविधिकरण में प्राथमिकता देने पर बल दिया. बैठक में सभी 28 शोध परियोजना केंद्रों के अलावा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में इक्रीसेट के पांच तथा आइकारडा के चार वैज्ञानिकों सहित कुल 130 वैज्ञानिक उपस्थित थे.

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